
पिछले किसान आंदोलन के बड़े चेहरों ने बनाई प्रदर्शन से दूरी, 'दिल्ली कूच' में शामिल नहीं हुए कई संगठन
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वर्तमान में चल रहे किसानों के इस आंदोलन से 2020-21 में किसान आंदोलन का मोर्चा संभालने वाले बड़े किसान नेता यानी संयुक्त किसान मोर्चा ने 'दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) से पल्ला झाड़ लिया है.
साल 2020-2021 में हुए किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा से टूटकर बना संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) पिछले तीन दिनों से पंजाब-हरियाणा की सड़कों पर डटा हुआ है. किसानों का ये गुट किसान आंदोलन 2.0 की चिंगारी पैदा करने की कोशिश कर रहा है. कुछ किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के बैनर तले 'दिल्ली चलो मार्च' का आह्वान किया है.
वर्तमान में चल रहे किसानों के इस आंदोलन से 2020-21 में किसान आंदोलन का मोर्चा संभालने वाले बड़े किसान नेता यानी संयुक्त किसान मोर्चा ने 'दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) से पल्ला झाड़ लिया है. इन नेताओं ने कहा कि उनको ना चंडीगढ़ में आयोजित बैठकों का निमंत्रण मिला है ना ही मार्च में शामिल होने का न्योता मिला है.
वर्तमान में चल रहे किसानों के आंदोलन से ये बड़े नाम नदारद हैं
1. योगेंद्र यादव 2. बलबीर सिंह राजेवाल 3. मंजीत राय 4. डॉ दर्शन पाल 5. शिव कुमार कक्का 6. जिगिंदर सिंह उगराहां 7. राकेश टिकैत 8. डॉ. वीएम सिंह
किसानों और सरकार के बीच 2 बार की वार्ता रही बेनतीजा
केंद्र सरकार किसान संगठनों के साथ बातचीत करना चाहती है, इसलिए अब तक 2 दौर की वार्ता करने की कोशिश की जा चुकी है, लेकिन दोनों बार वार्ता बेनतीजा रही है. आज फिर से इस मोर्चे के साथ बातचीत करने की तीसरी कोशिश की जा रही है. फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, कर्ज माफी, किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने और एमएससी पर कानून बनाने की मांग तर्क संगत हो सकती है, लेकिन किसान नेता अब कई तरह की मांगें कर रहे हैं. मसलन किसान WTO समझौता रद्द करने की मांग, बिजली संशोधन विधेयक 2020 रद्द करने की मांग,किसानों को प्रदूषण कानून से मुक्त रखने की मांग और बिजली के इलेक्ट्रॉनिक मीटर न लगाने की मांग खास है. किसान संगठनों ने सरकार के सामने रखी ये मांगें

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