
नर्क क्या है और कैसा होता है... हिंदू, बौद्ध, जैन और इस्लाम इस पर क्या कहते हैं?
AajTak
नर्क की अवधारणा सनातन और हिंदू परंपरा के अलावा संसार के अन्य पंथों में भी है. इनमें बौद्ध धर्म में नर्क को निरय नाम से जाना जाता है. वहीं जैन धर्म में इस शब्द को नारकी कहा गया है. ईसाई इसे Hell कहते हैं तो वहीं इस्लाम में इसे जहन्नुम कहा गया है.
मानव सभ्यता जबसे अस्तित्व में आई है तब से ही इसके समानांतर दो कॉन्सेप्ट चले आ रहे हैं. ये हैं पाप और पुण्य. पाप क्या हैं और पुण्य किसे कहते हैं, इस एक अवधारणा को ही केंद्रित करते हुए और इसे विस्तार से समझाने के लिए सनातन परंपरा में चार वेद लिखे गए है और इसके बाद उपनिषद और फिर 18 पुराणों की भी रचना की गई. ये पाप और पुण्य की अवधारणा का ही अगला कदम स्वर्ग और नर्क का बंटवारा है.
क्या है पाप और पुण्य? सीधा तात्पर्य ये है कि पुण्य के फलों से स्वर्ग मिलता है और पापों के प्रभाव से आत्मा नर्क भोगती है. एक तरफ गीता में श्रीकृष्ण ये कहते हैं आत्मा अमर है, इसे अग्नि, जल, वायु, शस्त्र-अस्त्र कोई हानि नहीं पहुंचा सकते हैं. यह हर तरह के प्रभाव और भाव से परे है. न इसमें मोह है, न ममता और न ही किसी तरह के संबंध में यह बंधती है. इसलिए यह कष्ट से भी परे है, लेकिन इन्हीं शास्त्रों में ये भी लिखा है कि धरती पर पाप करने वाले मनुष्य की आत्मा नर्क भोगती है.
क्या है नर्क की अवधारणा? नर्क का उल्लेख वेद, उपनिषद, और पुराणों में होता है, जहां इसे पापियों को दंड देने का स्थान माना गया है. ये दंड आत्मा को नहीं जीवात्मा को मिलता है. इसके लिए तर्क है कि जब आत्मा देह त्याग करती है तब उसकी पहचान कुछ समय के लिए उसी देह की रहती है, जिसमें वह थी. अपनी इसी पहचान के साथ जीवात्मा को यमदूत, यमलोक लेकर जाते हैं. यहां उनके सचिव चित्रगुप्त जो सभी जीवात्मा के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा अपनी एक पत्रिका में दर्ज रखते हैं, उसे ब्योरे को वह यमराज के सामने प्रस्तुत करते हैं. इस दौरान पुण्य और पाप का अलग-अलग ब्यौरा सामने रखा जाता है. इसके आधार पर जितना पाप और पुण्य सामने आता है, उसके बराबर का दंड भोगना ही पड़ता है.
गरुण पुराण में है नर्क का वर्णन इस पूरी अवधारणा को गरुण पुराण में बहुत विस्तार से समझाया गया है. गरुण पुराण, भगवान विष्णु के वाहन गरुण के नाम पर आधारित है. कहते हैं कि एक बार माया के फेर में पड़कर गरुण अपने आराध्य भगवान विष्णु को नहीं पहचान पाए थे. असल में तब महाविष्णु श्रीराम के रूप में थे और मेघनाद के नागपाश में बंधकर बेसुध हो गए थे. तब उनके प्राण बचाने के लिए हनुमान जी स्वर्ग से गरुण जी बुला लाए थे. गरुण ने नागपाश का बंधन तो काट दिया, लेकिन सोचने लगे कि जो प्रभु सभी बंधनों से परे हैं, वह इस नागपाश में कैसे बंध गए. यह श्रीराम मेरे प्रभु विष्णु का अवतार तो नहीं हो सकते. इसी माया के निराकरण के लिए वह कैलाश पर महादेव शिव के पास गए. शिवजी ने उन्होंने तमाम तरह से समझाने की कोशिश की, लेकिन माया का पर्दा ऐसा था कि गरुण इसे नहीं समझ सके, तब शिवजी ने उन्हें कागभुशुंडि मुनि के पास भेज दिया. कागभुशुंडि मुनि ने गरुण को देखते ही कहा, मुझे पता था तुम आने वाले हो.
क्या है गरुण पुराण की कथा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन का स्वागत बहुत ही गर्मजोशी के साथ किया. इस मुलाकात की सबसे खास बात वह तोहफा था, जो प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दोस्त पुतिन को दिया. डिनर के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को रूसी भाषा में लिखी श्रीमद्भगवद्गीता की एक प्रति भेंट की. यह उपहार उनकी दोस्ती और सम्मान को दर्शाता है. जानें कैसा रहेगा पुतिन का आज का शेड्यूल?

Delhi Traffic Advisory: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दिल्ली के कई मार्गों पर ट्रैफिक प्रभावित रहेगा. दिल्ली में पुतिन का आज (शुक्रवार) मुख्य कार्यक्रम है. जिसकी वजह से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कुछ मार्गों से बचने की सलाह दी गई है.

पीएम मोदी से दोस्ती, ट्रंप टैरिफ और यूक्रेन जंग... पुतिन का पूरा Super Exclusive इंटरव्यू यहां पढ़ें
क्रेमलिन में 'आजतक' को दिए Super Exclusive इंटरव्यू में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तमाम सवालों का बेबाकी से जवाब दिया. यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की. इसके अलावा पुतिन ने ट्रंप टैरिफ, यूक्रेन जंग समेत कई मुद्दों पर खुलकर बात की.

आजतक ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मोदी से दोस्ती, ट्रंप टैरिफ और यूक्रेन जंग पर खुलकर अपने विचार रखें. बातचीत के दौरान पुतिन ने भारत की जमकर तारीफ की. पुतिन ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी अगुवाई में भारत विदेशी दबाव में कभी नहीं आएगा. भारत के लोग गर्व कर सकते हैं कि उनका पीएम किसी के दबाव में नहीं आते हैं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ आजतक की खास बातचीत में उन्होंने बताया कि कैसे रूस में gen z से जुड़ाव होता है. पुतिन ने कहा कि यह नया विषय नहीं है क्योंकि साहित्य और कला में हमेशा विरोधाभास होते रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आज की युवा पीढ़ी की मानसिकता पर टेलीग्राम और फोन के माध्यम से काफी प्रभाव डाला जाता है. यह संवाद रूस की युवा मानसिकता और उनके माध्यमों की समझ को उजागर करता है जिससे बेहतर तरीके से जुड़ा जा सके.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन गुरुवार शाम दो दिन की भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे. यात्रा के दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. शुक्रवार को सम्मान समारोह, राजघाट पर श्रद्धांजलि, द्विपक्षीय बैठक और प्रेस बयान का कार्यक्रम तय है. दोनों देशों ने रक्षा, ऊर्जा और व्यापारिक सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया है.







