दिवालिया होने की कगार पर क्यों श्रीलंका, क्या चीन की है कोई भूमिका?
BBC
भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. महंगाई दर आसमान पर है. लोग ज़रूरी चीज़ों के लिए परेशान हैं. आख़िर ऐसी हालत में कैसे पहुंच गया है मुल्क.
"हमारा देश पूरी तरह से दिवालिया हो जाएगा. मैं किसी को डराना नहीं चाहता, लेकिन अगर ऐसा ही चलता रहा तो आयात रुक जायेंगे, पूरा 'आईटी सिस्टम' बंद हो जायेगा. यहां तक कि हम 'गूगल मैप' का भी इस्तेमाल नहीं कर पायेंगे क्योंकि हम इसके लिए पैसे देने की स्थिति में नहीं होंगे." ये बयान श्रीलंका में विपक्ष के प्रमुख नेता और अर्थशास्त्री हर्षा डी सिल्वा का है जो उन्होंने श्रीलंका में संसद के सत्र के दौरान दिया.
सदन में बोलते हुए डी सिल्वा ने सदस्यों को बताया कि वर्ष 2022 के फ़रवरी माह से लेकर अक्तूबर माह तक कितनी भी अदायगी कर दी जाए, मगर उसके बावजूद भी श्रीलंका पर चढ़ रहा विदेशी क़र्ज़ उतर नहीं पायेगा.
सदन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अक्तूबर तक श्रीलंका के पास विदेशी मुद्रा के रूप में सिर्फ 4.8 खरब अमेरिकी डालर बचेंगे.
श्रीलंका की संसद में डी सिल्वा का बयान इशारा करता है कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था कितनी चिंताजनक बनी हुई है.
आम उपभोग की लगभग सभी चीज़ों की क़ीमतों ने आसमान छू लिया है और इस महंगाई ने लोगों की कमर ही तोड़कर रख दी है. देश के प्रमुख बैंक ने अपनी वेबसाइट पर इसका लेखा जोखा पेश किया है जिसने अर्थशास्त्रियों की चिंता बढ़ा दी है.