
तनाव में है हर 5 से 3 बच्चे... भारत के स्टूडेंट्स पर हुई ये रिसर्च हैरान कर देने वाली है!
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1,628 कॉलेज छात्रों पर हुए अध्ययन में तनाव को लेकर चिंताजनक परिणाम सामने आए. करीब 70 प्रतिशत युवा एंग्जाइटी और 50 प्रतिशत डिप्रेशन के शिकार हैं.
भारत के युवा सफल होने के चक्कर और सोशल मीडिया के प्रेशर में अपने मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर रहे हैं. आंध्र प्रदेश के अमरावती में स्थित एसआरएम यूनिवर्सिटी (SRM University) के डिपार्टमेंट ऑफ साइकोलॉजी ने अपनी एक स्टडी में यह खुलासा किया है.
1,628 कॉलेज जाने वाले युवाओं पर हुई यह स्टडी एशियन जर्नल ऑफ साइकेट्री में प्रकाशित हुई है. सर्वे में शामिल दो-तिहाई छात्र सामान्य या उससे ज्यादा स्तर पर चिंता (Anxiety) का अनुभव कर रहे थे. आधे से ज्यादा छात्रों में अवसाद (Depression) के लक्षण नजर आए.
देश के आठ टियर-1 शहरों- दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, अहमदाबाद और कोलकाता के 18 से 29 वर्षीय युवाओं पर यह अध्ययन किया गया. प्रतिभागियों में 52.9 प्रतिशत लड़कियां और 47.1 प्रतिशत लड़के शामिल थे.
हैरान करने वाले आंकड़े
अध्ययन के परिणाम डराने वाले हैं. करीब 70 प्रतिशत युवाओं ने सामान्य या ज्यादा स्तर पर एंग्जाइटी की शिकायत की, वहीं लगभग 60 प्रतिशत में डिप्रेशन के लक्षण मौजूद थे. 70.3 प्रतिशत युवा भावनात्मक रूप से व्यथित (Emotionally Distressed) महसूस कर रहे थे और 65 प्रतिशत को अपने इमोशन्स और बिहेवियर कंट्रोल करने में परेशानी हुई.
इसके अलावा 15 प्रतिशत युवाओं ने अपने जीवन से संतुष्ट न होने की बात कही और करीब 8 प्रतिशत ने अपनी मेंटल हेल्थ को ‘खराब’ स्तर पर रेट किया.













