
डिसीजन न लेना और कुछ गलतियां... IC-814 हाइजैकिंग मामले में भारत से कहां हुई चूक? तबके RAW चीफ ने बताया
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वेब सीरीज IC-814 के रिलीज होने के बाद तत्कालीन सरकार और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा स्थिति को संभालने को लेकर बहस छिड़ गई है. आजतक से बातचीत में भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के तत्कालीन प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत ने स्वीकार किया कि तब निर्णय लेने में कई गलतियां हुई थीं.
इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 को 1999 में आतंकवादियों ने हाइजैक कर लिया था. पांच हाइजैकर्स और 11 क्रू मेंबर्स सहित प्लेन में कुल 179 लोग सवार थे. इस घटना को लेकर अनुभव सिन्हा ने एक मिनी-सीरीज बनायी है, जो नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है. इस सीरीज में आतंकियों के नाम को लेकर विवाद छिड़ गया है. दरअसल, विमान को हाइजैक करने वाले आतंकियों ने हिंदू कोड नेम रखे थे. इस वेब सीरीज में भी वही कोड नेम (चीफ, डॉक्टर, बर्गर, भोला और शंकर) रखे गए हैं. विवाद इस बात को लेकर हो रहा है कि निर्माताओं ने कहीं भी आतंकियों के असली नाम क्या थे, इसका उल्लेख नहीं किया गया है.
विवाद बढ़ने के बाद सरकार ने नेटफ्लिक्स इंडिया के अधिकारियों को तलब किया था. नेटफ्लिक्स की तरफ से कहा गया है कि सीरीज की शुरुआत में एक डिस्क्लेमर दिखाया जाएगा, जिसमें आतंकियों के असली नाम (इब्राहिम अतहर, सनी अहमद काजी, शाहीद अख्तर सैयद, मिस्त्री जहूर इब्राहिम और सैयद शकीर) का जिक्र होगा. इस वेब सीरीज के रिलीज होने के बाद तत्कालीन सरकार और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा स्थिति को संभालने को लेकर भी बहस छिड़ गई है. आजतक से बातचीत में भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के तत्कालीन प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत ने स्वीकार किया कि तब निर्णय लेने में कई गलतियां हुई थीं.
विमान के अमृतसर से उड़ते ही खत्म हुए सारे विकल्प
दुलत ने कहा, 'एक बार जब विमान अमृतसर में उतरा, तो हमारे पास यह सुनिश्चित करने का अवसर था कि यह भारतीय क्षेत्र से बाहर न जाए. लेकिन जब विमान अमृतसर से निकल गया, तो आतंकियों के साथ डील करने के अलावा हमारे पास अन्य कोई विकल्प नहीं रह गया था. हमने परिस्थितियों के अनुसार एक अच्छा डील किया था. निर्णय लेने में हमसे गलतियां हुई थीं और यह बात मैं कई बार पहले भी कह चुका हूं, जब यह घटना घटी थी तब भी कहा था कि अमृतसर में हमसे एक बड़ी गलती हो गई थी.' उन्होंने ये भी कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की जगह कोई और भी उस समय होता तो वो उनसे ज्यादा कमजोर ही दिखाई देता.
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