
ट्रंप के एक आदेश से हजारों रिफ्यूजियों का 'अमेरिकन ड्रीम' टूटा, भारतीयों पर कितना असर?
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डोनाल्ड ट्रंप ने आते ही रिफ्यूजी रिसेटलमेंट प्रोग्राम कैंसिल कर दिया. इससे अलग-अलग देशों में हजारों की संख्या में शरणार्थी फंस गए हैं. इन शरणार्थियों को अमेरिका में शरण की मंजूरी मिल गई थी लेकिन ट्रंप के फैसले ने इनके सभी सपनों पर पानी फेर दिया है. भारत से भी हर साल हजारों की संख्या में लोग अमेरिका में शरण लेते हैं और ट्रंप के फैसले का भारतीयों पर भी असर होने वाला है.
20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर देश के रिफ्यूजी पुनर्वास प्रोगाम को निलंबित कर दिया. इस आदेश से दुनियाभर में हजारों की संख्या में शरणार्थी अलग-अलग जगहों पर फंस गए हैं. युद्ध और उत्पीड़न से भागकर आए इन लोगों को अमेरिका में शरण की मंजूरी भी मिल गई थी लेकिन ट्रंप के फैसले ने उन्हें मुश्किलों में डाल दिया है. इनमें 1,600 से अधिक अफगानी शामिल हैं जिन्होंने तालिबान के खिलाफ युद्ध में अमेरिका की मदद की थी.
15 अगस्त 2021 में जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया तब ये अफगानी भागकर पाकिस्तान आ गए थे. उस समय अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा था कि वो कुछ समय तक इन लोगों को अपने देश में रहने दे, बाद में अमेरिका उन्हें शरण दे देगा. जो बाइडेन प्रशासन ने इन 1,600 अफगान शरणार्थियों को अमेरिका में शरण देने की मंजूरी दे दी थी और इनके फ्लाइट टिकट भी हो गए थे. लेकिन अब ट्रंप के आदेश के बाद इन्हें अपने फ्लाइट्स कैंसिल करने पड़े हैं.
प्रवासियों को लेकर ट्रंप की नीतियों को देखते हुए अफगानी शरणार्थी जल्द से जल्द अमेरिका पहुंच जाना चाहते थे. पाकिस्तानी सरकार को भी डर था कि ट्रंप प्रशासन शरणार्थियों को लेकर सख्त रवैया अपना सकती है इसलिए अफगान शरणार्थियों को जल्द अमेरिका भेजने की व्यवस्था की गई थी. हालांकि, ट्रंप ने जिस तरह आते ही रिफ्यूजी रिसेटलमेंट प्रोग्राम को निरस्त कर दिया, उससे पाकिस्तान समेत अमेरिका में शरण मांगने वाले शरणार्थी हैरान रह गए हैं.
10 हजार से अधिक लोगों को मिल गई थी अमेरिका में शरण की मंजूरी
समाचार एजेंसी एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अलग-अलग देशों के 10 हजार से अधिक लोगों को अमेरिका में शरण की मंजूरी मिल गई थी और अगले कुछ हफ्तों में उनकी फ्लाइट टिकट थी जिसे अब कैंसिल कराना पड़ा है. ट्रंप के आदेश के मुताबिक, रिफ्यूजी प्रोग्राम 27 जनवरी को स्थानीय समयानुसार रात 12:10 बजे लागू हो जाएगा और अभी यह साफ नहीं है कि डेडलाइन से पहले कितने शरणार्थी अमेरिका पहुंच पाएंगे.
ग्वाटेमाला की रहने वाली गेब्रियाला के परिवार को नवंबर में ही अमेरिका में शरण मिल गई थी. वो लॉस एंजिल्स पहुंच गई हैं लेकिन उनके भाई और परिवार के बाकी लोग फरवरी की शुरुआत में अमेरिका आने वाले थे. लेकिन ट्रंप के आदेश के बाद अमेरिका में शरण लेने के उनके सारे सपने टूट गए हैं.

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