
जोरहाट में गोगोई vs गोगोई: बीजेपी लगाएगी जीत की हैट्रिक या गौरव छिन पाएंगे कांग्रेस का पुराना गढ़? रोचक हुई चुनावी जंग
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असम की जोरहाट सीट पर 2014 से बीजेपी काबिज है. 1991 से 2009 तक इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार को जीत मिली थी. इस बार पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के पुत्र गौरव गोगोई को मैदान में उतारा है. जोरहाट सीट से इस बार बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों से गोगोई मैदान में हैं.
असम की जोरहाट सीट पर सूबे की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और विपक्षी कांग्रेस के बीच रोचक लड़ाई है. इस सीट से दोनों ही पार्टियों ने गोगोई उम्मीदवार पर दांव लगाया है. कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे और गौरव गोगोई को चुनाव मैदान में उतारा है तो वहीं बीजेपी ने इस सीट पर सीटिंग सांसद तपन गोगोई को टिकट दिया है. दोनों ही प्रभावशाली अहोम समुदाय से आते हैं और इस इलाके में अच्छा होल्ड रखते हैं. बीजेपी को केंद्र, प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के सहारे इस सीट से जीत की हैट्रिक का भरोसा है तो कांग्रेस को गौरव गोगोई के चेहरे पर अपना खोया गढ़ वापस छिन लेने की उम्मीद.
दोनों उम्मीदवार कर रहे जीत का दावा
जोरहाट की चुनावी जंग को गौरव गोगोई ने कांग्रेस के दो धड़ों की लड़ाई बताया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता, वास्तविक असम गण परिषद के नेता और जमीनी कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया गया है और बीजेपी की ताकत कांग्रेस के पूर्व सदस्य ही है. गौरव गोगोई ने कहा कि यहां लड़ाई कांग्रेस ए जो पार्टी की विचारधारा में यकीन कर असम के लोगों की सेवा करती है और कांग्रेस बी जो निजी हितों और बीजेपी की चिंता करती है, उसके बीच है.
तपन गोगोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा की सरकारों के विकास को लेकर प्रयास गिना रहे हैं, अपने काम बता रहे हैं. उन्होंने फ्री राशन, लखपति दीदी जैसी योजनाओं के लाभार्थियों के वोट का विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे प्रचार के दौरान अधिकतर महिलाएं आईं. दुर्भाग्य से कुछ ऐसी महिलाएं भी मिलीं जिन्हें ओरुनोदोई और आवास योजना के लाभ नहीं मिले हैं, लेकिन उन्हें भविष्य में इन योजनाओं का लाभ मिलने की उम्मीद है.
जोरहाट में मुद्दे क्या
जोरहाट में स्वास्थ्य और शिक्षा मुख्य मुद्दे हैं. चुनाव प्रचार के दौरान कनेक्टिविटी का मुद्दा भी छाया रहा. जोरहाट और इसके आसपास के जिलों की पहचान व्यापारिक, आध्यात्मिक केंद्र के साथ पर्यटन को लेकर भी है. दोनों ही दलों ने इस सीट पर चुनाव प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों की फौज उतार दी.

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