
जिस लड़के के मर्डर के कारण जल रहा फ्रांस, उसे मारने वाले पुलिसकर्मी को मिले 8 करोड़ रुपए, क्यों?
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फ्रांस में बीते कुछ दिनों से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. लोगों ने इमारतों से लेकर वाहनों तक को आग के हवाले कर दिया है. ये हिंसा एक 17 साल के लड़के की हत्या के बाद शुरू हुई थी. उसकी हत्या का आरोप एक पुलिसकर्मी पर लगा है.
फ्रांस में 17 साल के लड़के नाहेल मेरजोक की हत्या करने वाले पुलिसकर्मी को डोनेशन में अभी तक 1.07 मिलियन डॉलर (करीब 8.2 करोड़ रुपये) मिल चुके हैं. इस हत्या के बाद से ही फ्रांस जल रहा है. राष्ट्रपति इमौनुएल मैक्रों ने शांति के लिए कई बार लोगों से अपील की. उन्होंने कहा कि ये गुनाह माफी के लायक नहीं है और कानून अपना काम करेगा. बावजूद इसके बड़ी तादाद में लोगों ने सड़क पर उतरकर स्कूल, वाहनों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया है. कई स्टोर्स में तो तोड़फोड़ के साथ लूटपाट तक की गई.
मिरर यूके की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी पुलिसकर्मी के लिए धुर दक्षिणपंथी मीडिया टिप्पणीकार, दक्षिणपंथी विचारधारा वाले लोगों और उसके सहयोगियों ने गोफंडमी पेज सेट किया था. दूसरी तरफ जिस लड़के की हत्या हुई, उसके परिवार के लिए भी ऐसा ही एक डोनेशन पेज सेट किया गया, जिसमें सोमवार तक महज 206,383 डॉलर (करीब 1.69 करोड़ रुपये) ही आए हैं. नाहेल उत्तरी अफ्रीकी मूल का लड़का था. जिसे 27 जून को गोली मारी गई थी. उसकी कार को ट्रैफिक में पुलिस ने रोक दिया था, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ.
किस वजह से रोकी गई थी नाहेल की कार?
ऐसा कहा गया कि वो ड्राइविंग के लिए बहुत छोटा था और पुलिस के कहने के बावजूद भी कार नहीं रोक रहा था. नैनटेरे के अभियोजक पास्कल प्राचे ने कहा कि पुलिसकर्मी को डर था कि नाहेल उस पर, या उसके सहकर्मी पर गाड़ी न चढ़ा दे. वहीं आरोपी पुलिसकर्मी के वकील लॉरैंट फ्रैंक लिएनार्ड ने कहा कि उन्होंने जानबूझकर नाहेल को नहीं मारा है और वो इसके लिए माफी चाहते हैं. उन्हें उस वक्त जो ठीक लगा उन्होंने वही किया है. नाहेल बस लेन में पॉलिश लाइसेंस प्लेट्स के साथ मर्सीडीज चला रहा था. उसे डर था कि कहीं उसे रोक न दिया जाए इसलिए उसने कथित तौर पर रेड लाइट का भी उल्लंघन किया और फिर वो ट्रैफिक में फंस गया.
घटना के बाद से देश भर में सड़कों पर लोग
घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें देखा गया कि दो पुलिसकर्मी बंदूक के साथ नाहेल की कार को रोककर खड़े हैं. इस मामले में शामिल इन दोनों ही अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अपनी बंदूक इसलिए तानी थी ताकि वो भाग न सके. जिस अधिकारी ने बंदूक का ट्रिगर दबाया, उसने कहा कि उसे इस बात का डर था कि उसे, उसके साथी या किसी और को कार से टक्कर न मार दी जाए. हालांकि इस घटना के बाद से देश भर में लोगों में भारी गुस्सा है. पुलिस पर नस्लवाद और हिंसा के आरोप लग रहे हैं. देश भर में हिंसक प्रदर्शनों को शांत कराने के लिए 45 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जबकि करीब 3000 लोग गिरफ्तार हुए हैं.

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