
जब सेना में होती थी 'क्रूर ब्लड पिनिंग', कपड़े खोलकर सीधे स्किन में घुसा देते थे तमगे!
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अमेरिका सहित कई देशों में सेना में अजीबोगरीब परंपरा चली आ रही है, जिसे 'ब्लड पिनिंग' कहते हैं. वैसे ऐसी दर्दनाक परंपरा की कोई भी मिलिट्री पुष्टि नहीं करता है. फिर भी अनौपचारिक रूप से इसका निर्वहन किया जाता है. कई बार ऐसा करने के मामले सामने आते रहते हैं. जानते हैं क्या है ये ब्लड पिनिंग?
अमेरिका में मरीन और पैराट्रूपर्स के बीच ब्लड पिनिंग की परंपरा बिलकुल भी सामान्य नहीं है. आमतौर पर, जब मरीन पैराट्रूपर्स ट्रेनिंग पूरी कर लेते हैं तो गोल्ड विंग्स से नवाजा जाता है. इस बैज का मिलना एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है, लेकिन इसे पाने की प्रक्रिया काफी दर्दनाक होती है.
इस बैज के पिन को ट्रेनिंग पूरा करने वाले सैनिकों की छाती पर धंसा दिया जाता है. इससे काफी खून निकलता है. इसके बाद जश्न मनाया जाता है. खून निकालने के बाद भी पिन को मरीन की छाती में ठोक दिया जाता है.
1997 में सामने आया था एक पुराना वीडियो टाइम की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1997 में जब इस पुरानी सैन्य परंपरा को निभाते हुए दो वीडियो सामने आए थे, तो काफी बवाल मचा था. इसके बाद सेना में ऐसी किसी प्रथा के बारे में लोगों को पता चला था. वैसे ये टेप 1991 और 1993 की बताई गई थी. इसमें स्पेशल पैराट्रूपर यूनिट के सदस्यों की ट्रेनिंग पूरी होने पर क्रूर तरीके से उनकी छाती पर सोने के पिन को ठोक दिया गया था. वीडियो में दर्जनों मरीन बारी-बारी से नए सैनिकों की खून से लथपथ छाती में सोने की पिन पर घूंसे मारते दिखे थे. इसमें नए मरीन दर्द से चीखते और तड़पते नजर आ रहे थे. इस टेप के सामने आने के बाद सेना बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा था.
यह परंपरा कब शुरू हुई इसकी कोई जानकारी नहीं है यह परंपरा कब शुरू हुई इस बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है. कहा जाता है कि दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान छाती पर सोने के पिन धंसाने की परंपरा शुरू हुई थी. अमेरिका की सरकार और सैन्य अधिकारी अब ऐसे किसी भी परंपरा या प्रथा की कोई पुष्टि नहीं करते हैं, लेकिन अक्सर इस बारे में बातें होती रहती हैं.
1997 में इस टेप के सामने आने के बाद तब सैन्य अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया था कि वे भविष्य में इस तरह की उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. 1,74,000 सैनिकों वाली मरीन कॉर्प्स के कमांडर, नाराज जनरल चार्ल्स क्रुलक ने कहा था कि अगर उन्हें लगता है कि मरीन कॉर्प्स का नेतृत्व अपने साथी मरीन को पीटने से बेहतर योद्धा बनता है, तो उन्हें कोई नया पेशा ढूंढ़ लेना चाहिए.
ब्लड पिनिंग का टेप सामने आने पर मचा था बवाल सैन्य अधिकारियों ने पिनिंग की घटनाओं में शामिल कुछ मरीन से पूछताछ की थी. चूंकि समय सीमा समाप्त हो चुकी थी, इसलिए ज़िम्मेदार लोगों पर कोर्ट-मार्शल नहीं चलाया जा सकता था. हालांकि, उन्हें सम्मानजनक से कम प्रशासनिक बर्खास्तगी के साथ कोर से निकाला जा सकता था.

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