
गाड़ी नहीं सड़क पर चलता-फिरता बंगला है ये SUV! देखें 14 मीटर लंबी-6 मीटर चौड़ी Hummer का वीडियो
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दुबई के शेख और उनकी शान-ओ-शौकत दुनिया भर में मशहूर है. लग्ज़री लाइफ-स्टाइल और अनोखे अंदाज के चलते आए दिन कोई न कोई सुर्खियों में रहता है. इस समय सोशल मीडिया पर एक ऐसे ही शेख के भिमकाय 'Hummer' का वीडियो वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि, ये दुनिया का सबसे बड़ी हमर एसयूवी है. जाहिर, है जितनी बड़ी इसकी साइज है इसे देखकर कोई भी दांतों तले उंगलियां दबा लेगा. रेगुलर हमर के मुकाबले ये एसयूवी कई गुना बड़ी है, जो कि अपने आप में सड़क पर चलते-फिरते बंगले से कम नहीं है. तो आइये जानते हैं इस विशाल हमर की कहानी-
इस हमर के वीडियो को ट्वीटर (अब 'X') पर शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा है कि, इसकी लंबाई 14 मीटर, चौड़ाई 6 मीटर और उंचाई 5.8 मीटर है. ख़ास बात ये है कि, भले ही ये साइज़ में इतनी विशाल है लेकिन इसे एक रेगुलर कार की ही तरह ड्राइव किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि, ये हमर एच1 'X3' संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के सत्तारूढ़ शाही परिवार के सदस्य शेख हमद बिन हमदान अल नाहयान की है.
जब हमने पड़ताल की तो पता चला कि, शेख हमद बिन हमदान को इस तरह के अनोखे दिखने वाले वाहनों का काफी शौक है. इंस्टाग्राम पर उनका अकाउंट इस तरह के वाहनों से भरा पड़ा है. बहरहाल, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये Hummer उनके कार कलेक्शन का हिस्सा है और इस तरह के तकरीबन सैकड़ों गाड़ियां उनके कलेक्शन में शामिल हैं. इतना ही नहीं उनके कुछ वाहनों ने अपने अनोखे लुक और डिज़ाइन के चलते वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है.
सोशल मीडिया पर इस हमर को देखकर लोक तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. एक यूजर ने इसे "Humzilla" नाम दिया है. एक यूजर ने लिखा है कि, वो इसे भी इसे ड्राइव करना चाहते हैं.
क्या है Hummer एसयूवी का इतिहास:
'Hummer' जिसे आज आप आमतौर पर सड़कों पर देखते हैं, ये एक सीविलियन वर्जन मॉडल है. हमर को शुरुआत सेना के लिए एक मल्टी पर्पज व्हीकल के तौर पर तैयार किया गया था. 22 मार्च, 1983 को, पेंटागन ने AM जनरल कॉर्पोरेशन को 55,000 हाई मोबिलिटी मल्टीपर्पज व्हील्ड व्हीकल्स (HMMWV) डेवलप करने के लिए 1 बिलियन डॉलर का ऑर्डर दिया था. इसका संक्षिप्त नाम हम्वी के तौर पर मशहूर हुआ. इसे खास तौर पर सैनिकों के इस्तेमाल और माल वाहक के तौर पर डिज़ाइन किया गया था जो कि ऊबड़-खाबड़ या खराब रास्तों पर भी आसानी से चलने में सक्षम हो. इसे 1989 में पनामा अटैक और 1990 के दशक की शुरुआत में फारस की खाड़ी युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना द्वारा उपयोग किया गया.

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