
गलवान से अरुणाचल तक...7 मौके जब चीन के दुस्साहस को भारतीय सेना ने किया फेल
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चीन लगातार भारत की सीमा पर विवाद को बढ़ावा देता आ रहा है. पिछले दो सालों में ऐसी घटनाएं कुछ महीनों के अंतर पर सामने आती रह रही हैं. कभी लद्दाख में...कभी सिक्किम में तो अब अरुणाचल प्रदेश के तवांग से. कोरोनाकाल में जहां पूरा देश संक्रमण से संघर्ष कर रहा था, वहीं चीन भी अपनी पैरासाइट जैसी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था. आइए जानते हैं कि कब-कब चीन ने भारतीय सीमा को पार करने की कोशिश की और भारतीय जवानों ने उसे फेल किया...
चीन लगातार भारत की सीमा पर विवाद को बढ़ावा देता आ रहा है. पिछले दो सालों में ऐसी घटनाएं कुछ महीनों के अंतर पर सामने आती रह रही हैं. कभी लद्दाख में...कभी सिक्किम में तो अब अरुणाचल प्रदेश के तवांग से. कोरोनाकाल में जहां पूरा देश संक्रमण से संघर्ष कर रहा था, वहीं चीन भी अपनी पैरासाइट जैसी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था. पिछले साल 5 मई को चीन के सैनिकों ने लद्दाख के पैंगॉन्ग लेक पर भारतीय जवानों से झड़प की. उसके बाद से यह सिलसिला चलता रहा है. आइए जानते हैं कि कब-कब चीन ने भारतीय सीमा को पार करने की कोशिश की और भारतीय जवानों ने उसे फेल किया... (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
5 मई 2020: पैंगॉन्ग लेक 5 मई 2020 को लद्दाख के पैंगॉन्ग लेक पर चीनी सैनिकों और भारतीय जवानों के बीच संघर्ष हुआ. वीडियो सामने आया जिसमें झड़प होते दिख रहा था. 10 और 11 मई को फिर एक झड़प हुई. खबरें आईं कि इन दोनों घटनाओं में करीब 72 भारतीय सैनिक जख्मी हुए. द डेली टेलीग्राफ के मुताबिक मई और जून के महीने में चीन ने इस झील के आसपास 60 वर्ग किमी का भारतीय इलाका कैप्चर कर लिया. इसके बाद खबरें आईं कि 27 जून तक चीन ने पैंगॉन्ग लेक के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर फिंगर-4 और 5 के पास अपनी सैन्य शक्ति बढ़ा दी है. लेकिन कई राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य बातचीत के बाद चीनी सैनिकों को पीछे हटना पड़ा. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.








