
खाने की मारामारी, फायरिंग से लोगों को कर रहे कंट्रोल... अभी कैसे हैं गाजा के हालात
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गाजा की हालत बिगड़ती ही जा रही है. वहां लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए भी जान की बाजी लगानी पड़ रही है. हालात ऐसे बन गए हैं कि भोजन के लिए हंगामा करने वाली भीड़ को कंट्रोल करने के लिए गोली चलानी पड़ रही है.
गाजा में एक तरफ भूख से बिलबिलाते हाथो में बर्तन लिए महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों की भीड़ वहां चरम पर पहुंच चुके भूखमरी के हालात बयां कर रहे हैं. इसके अलावा भी कई इंटरनेशनल एजेंसियों की रिपोर्ट इस ओर इशारा कर रही है. युद्ध के कारण गाजा के हालात बद से बदतर होने लगे हैं. इसी का नतीजा है कि भोजन बांटने वाली एजेंसी के सेंटरों पर हंगामें हो रहे हैं और गोलियां चलाई जा रही है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में गाजा ह्यूमनेटेरियन फाउंडेशन (जीएचएफ) नाम का एक संगठन राहत सामग्री बांटने का काम कर रही है. पिछले दिनों हजारों फलस्तीनी दक्षिणी गाजा में खुले जीएचएफ के एक सेंटर पर खाना लेने पहुंचे थे. इसी दौरान वहां हंगामा शुरू हो गया और इजरायली सैनिकों ने गोलियां चला दी. इसके बाद खाना लेने के लिए पहुंची भीड़ ने सेंटर को तहस नहस कर दिया. इस घटना के बाद एक बार फिर गाजा की दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई.
भोजन बांटने वाले सेंटर को फलस्तीनियों ने किया तबाह संगठन ने कहा कि भोजन लेने वालों की भारी संख्या के कारण उनकी टीम को पीछे हटना पड़ा है. इसके बाद वहां हंगामा शुरू हो गया. वहीं इजराइली सेना ने कहा कि संगठन की सुरक्षा करने वालों ने चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाई थी.गाजा में भोजन और राहत सामग्री बांटने वाली जीएचएफ को अमेरिका और इजरायल का समर्थन हासिल है और ये संयुक्त राष्ट्र की मदद के बिना गाजा में राहत कार्य में जुटे हुए हैं.
खाने के लिए मची है लूटमार सीएनएन के मुताबिक, बीते बुधवार को फिलीस्तीनियों की एक भूखी भीड़ ने सेंट्रल गाजा में संयुक्त राष्ट्र के एक गोदाम में घुसकर हमला कर दिया. हजारों लोग यहां से भोजन सामग्री के पैकेट लेकर भाग गए. इसके परिणामस्वरूप कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए तथा गाजा में अकाल की स्थिति और भी बदतर हो गई है.
कैंपों में रहने को मजबूर हैं लोग वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) ने कहा कि भूखे लोगों की भीड़ ने वितरण के लिए पहले से रखे गए खाद्य आपूर्ति की तलाश में मध्य गाजा के डेर अल-बलाह में डब्ल्यूएफपी के अल-गफारी गोदाम में घुसकर तोड़फोड़ की. प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि इस दुखद घटना में दो लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. लोग शहर के बाहर टेंट में रहने को मजबूर हैं. हजारों लोग अलग-अलग संस्थाओं के भरोसे दिन काट रहे हैं. कई कैंपों में बना बनाया भोजन बांटा जा रहा है. कहीं-कहीं कमी होने पर एक टाइम भी खाना गनीमत से मिल पा रहा है.
गाजा में मंडराने लगा है अकाल का संकट विशेषज्ञों को गाजा में पिछले 11 सप्ताह से चली आ रही नाकेबंदी की वजह से बड़े पैमाने पर अकाल की चिंता सता रही है. उन्होंने इसके बारे में चेतावनी दी है. गाजा में भूखमरी जैसी स्थिति पैदा हो रही है. खाने को लेकर मारा-मारी हो रही है. वहीं संयुक्त राष्ट्र व कुछ दूसरे देशों के ह्युमेटेरियन एजेंसियों ने जीएचएफ के मदद बांटने के तरीके से बिल्कुल असहमत हैं. क्या है खाने के लिए झड़प और विरोध की वजह बीबीसी के मुताबिक, गाजा ह्यूमनटेरियन फ़ाउंडेशन से मदद लेने आने वालों की सुरक्षा जांच होती है. इसके बाद ही उन्हें भोजन और साफ-सफाई में काम आने वाले सामान के बॉक्स दिए जाते हैं. ये सामान जीएचएफ के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटरों में मिलता है. संगठन के ज़्यादातर सेंटर दक्षिणी गाजा में हैं.संगठन के भोजन बांटने के सेंटर प्राइवेट सुरक्षा गार्डों की हिफाजात में हैं और इनके चारों ओर इसराइली सैनिक गश्त लगा रहे हैं.

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