क्या कोरोना एसिम्टोमैटिक के लिए भी सिम्प्टम वालों की तरह ही प्राणघातक है? डॉ केके अग्रवाल से जानें...
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इन दिनों लोगों के मन में यही सवाल है कि क्या Covid-19 एसिम्टोमैटिक मरीजों के लिए भी उतना ही प्राणघातक है जितना कि सामान्य कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए. जानिए- डॉ केके अग्रवाल का जवाब...
आज कोविड-19 की दूसरी लहर से पूरा देश जूझ रहा है. दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात समेत कई राज्यों ने कड़ाई से कोरोना को रोकने के इंतजाम किए हैं. इन हालातों के बीच सरकार और लोगों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बने हैं वो लोग जो Asymptomatic हैं. एसिम्टोमैटिक वो लोग होते हैं जिनमें कोरोना वायरस का वायरस लोड तो है यानी वो पॉजिटिव तो हैं, मगर उनमें कोरोना के कम या बिल्कुल भी लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं. aajtak.in ने हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया और कंफडरेशन ऑफ मेडिकल एसोएिशन ऑफ एशिया के प्रेसिडेंट डॉ केके अग्रवाल से जाना कि क्या वाकई एसिम्टोमैटिक के लिए भी कोविड-19 उतना ही प्राणघातक है जितना कि सिम्प्टम वालों के लिए? डॉ अग्रवाल कहते हैं कि अगर आपके बाई सिम्प्टम हैं यानी सिम्प्टम नहीं है तो आप अपना घर पर इलाज करा सकते हैं. लेकिन अगर तीन दिनों के भीतर हालत सिंप्टम बिगड़ रहे हैं तो अस्पताल में जाने की जरूरत है. लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह पहचान कैसे हो कि कोई एसिम्टोमैटिक है जब उसमें कोरोना के बताए गए लक्षण खांसी-बुखार आदि ही नहीं नजर आ रहे हैं. इसके जवाब में डॉ केके अग्रवाल ने कहा कि इसका सीधा सा रास्ता यह है कि आप अगर किसी कोविड-19 पेशेंट के सीधे संपर्क में आए हैं तो आपको अपनी जांच जरूर करानी चाहिए.More Related News
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