
क्या है स्लम टूरिज्म, जिससे ताजमहल से ज्यादा कमा रहा धारावी, विदेशी टूरिस्ट भी आ रहे झुग्गी-बस्ती देखने
AajTak
हम-आप घूमने का प्लान बनाएं तो कहां जाना चाहेंगे? ज्यादातर लोगों की लिस्ट में देश या विदेश की वो जगहें होंगी, जहां पेड़-पहाड़-बर्फ या एतिहासिक इमारतें हों. लेकिन एक टर्म है- स्लम टूरिज्म, इसमें टूरिस्ट झुग्गियों की सैर करते हैं. गरीब अफ्रीकी देशों से इसकी शुरुआत हुई, जो भारत तक पहुंच गई. अब ताजमहल या जयपुर घूमने आए विदेशी सैलानी मुंबई के धारावी के भी चक्कर लगाते हैं.
एशिया के सबसे बड़े स्लम धारावी को सुंदर बनाने का जिम्मा अडानी ग्रुप को मिला. इस बात पर विपक्षी दल नाराज हैं और प्रोजेक्ट से अडानी को हटाने की मांग कर रहे हैं. दूसरी तरफ ये बात भी है कि झुग्गी-बस्ती होने के बावजूद धारावी टूरिस्ट अट्रैक्शन बन चुका है. यहां हर साल हजारों विदेशी गरीबी की जिंदगी देखने आते हैं. कहा तो ये भी जाता है कि धारावी में बहुत से लोग गरीब बने रहने के पैसे कमा रहे हैं.
हम-आप घूमने का प्लान बनाएं तो कहां जाना चाहेंगे? ज्यादातर लोगों की लिस्ट में देश या विदेश की वो जगहें होंगी, जहां पेड़-पहाड़-बर्फ या एतिहासिक इमारतें हों. लेकिन एक टर्म है- स्लम टूरिज्म, इसमें टूरिस्ट झुग्गियों की सैर करते हैं. गरीब अफ्रीकी देशों से इसकी शुरुआत हुई, जो भारत तक पहुंच गई. अब ताजमहल या जयपुर घूमने आए विदेशी सैलानी मुंबई के धारावी के भी चक्कर लगाते हैं.
18वीं सदी में मछुआरों का एक समुदाय सस्ते ठिकानों की तलाश में यहां बस गया. बाजू में ही माहिम की खाड़ी थी, जिससे उनकी रोजी-रोटी चलती रही. ये अंग्रेजों से पहले का मुंबई था. धीरे-धीरे पानी सूखता चला गया, जिससे कोली कम्युनिटी का धंधा कमजोर हो गया. मछुआरे यहां-वहां बिखरने लगे. उनकी जगह कई दूसरे गरीब तबके इस जगह बस रहे थे.
ये चमड़े, मिट्टी के बर्तनों से लेकर हस्तशिल्प का काम करने वाले लोग थे. 20वीं सदी तक धारावी का चेहरा ही बदल गया. वहां स्कूल, धार्मिक संस्थान, अस्पताल से लेकर वो सारा इंफ्रा था, जो किसी जगह को छोटा-मोटा शहर बना देता है, सिवाय इसके कि धारावी अब एशिया का सबसे बड़ा स्लम बन चुका था.
लगभग 550 एकड़ में फैली धारावी में झुग्गी-बस्तियों की संख्या इतनी है कि दूर से देखने पर जमीन नजर नहीं आएगी. एक झुग्गी में औसतन 10 लोग रहते हैं. इसी से अंदाज लगा लीजिए कि यहां की आबादी कितनी घनी है. वैसे तो यहां माइग्रेंट्स रहते हैं इसलिए असल आबादी पता नहीं, लेकिन 2019 में स्टेट असेंबली चुनाव के समय पाया गया कि यहां लगभग डेढ़ लाख एडल्ट हैं. वहीं कुछ अनुमानों में मुताबिक, किसी भी समय धारावी में 3 से 10 लाख लोग रहते हैं. झुग्गियों में रहते इन्हीं लोगों की जिंदगी को देखने के लिए अक्सर शौकीन विदेशी आते रहते हैं.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.








