कंधार प्लेन हाईजैकः 8 दिनों तक सहमा रहा पूरा देश, सरकार को लेना पड़ा था मुश्किल फैसला
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24 दिसंबर 1999 की शाम साढे चार बजे इंडियन एयरलाइंस की फ़्लाइट संख्या आईसी 814 काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नई दिल्ली के लिए रवाना हुई थी. शाम पांच बजे जैसे ही विमान भारतीय वायु क्षेत्र में दाखिल हुआ था, तभी उसे हाईजैक कर लिया गया था.
आज ही के दिन ठीक 23 साल पहले एक ऐसी घटना घटी थी कि पूरा भारत सहम गया था. वो 24 दिसंबर 1999 का दिन था, जब शाम के एक वक्त एक बुरी खबर ने पूरे देश को सन्न कर दिया था. वो खबर थी इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी 814 के अचानक गायब हो जाने की. इसके बाद आठ दिनों तक उस विमान और विमान में सवार यात्रियों के साथ जो कुछ हुआ, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. आइए जानते हैं, क्या थी वो पूरी खौफनाक घटना.
नेपाल के एयरपोर्ट से उड़ा था भारतीय विमान दरअसल, 24 दिसंबर 1999 की शाम साढ़े चार बजे इंडियन एयरलाइंस की फ़्लाइट संख्या आईसी 814 काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नई दिल्ली के लिए रवाना हुई थी. शाम पांच बजे जैसे ही विमान भारतीय वायु क्षेत्र में दाखिल हुआ, विमान में यात्री के तौर पर सवार हुए अपहरणकर्ताओं ने हथियार के बल पर फ़्लाइट को कब्जे में ले लिया और उसे पाकिस्तान ले जाने की मांग रख दी थी.
लाहौर-दुबई के रास्ते कंधार पहुंची थी फ्लाइट पहले भारत और थोडी ही देर में पूरी दुनिया को पता लग चुका था कि एक भारतीय विमान हाइजैक कर लिया गया है. शाम छह बजे विमान अमृतसर में थोड़ी देर के लिए रुककर लाहौर के लिए रवाना हो गया. लेकिन पाकिस्तान की सरकार से अनुमति लिए बगैर ही विमान रात आठ बजकर सात मिनट पर लाहौर में लैंड हुआ. मगर अगले दिन सुबह के वक्त अपहृत विमान लाहौर से दुबई की तरफ रवाना हो गया और वहां उड़कर तकरीबन साढ़े आठ बजे अफगानिस्तान के कंधार में लैंड हुआ.
घायल यात्री को दुबई में उतारा था इससे पहले जब रात के करीब पौन दो बजे अपहृत विमान दुबई के एअरपोर्ट पर खड़ा था, तब एक यात्री प्लेन में एक अपहरणकर्ता से भिड़ गया था, इस दौरान आतंकी का चाकू यात्री की गर्दन पर लग गया था. जिससे उसकी एक नस कट गई थी. वो खून से नहा गया था. ऐसे में अपहरणकर्ताओं ने उसे दुबई में ही उतार दिया था. उस यात्री की पहचान 25 साल के रूपेन कात्याल के तौर पर हुई थी. बाद में उसकी मौत हो गई थी.
रिफ्यूलिंग के बदले छोड़े थे 27 यात्री प्लेन हाइजैक होने की खबर से पूरे देश में सनसनी मच गई थी. हाइजैकिंग के कुछ ही घंटों बाद ही आतंकवादी अपनी मांग रख चुके थे. इससे पहले ईंधन भरे जाने की एवज में कुछ यात्रियों की रिहाई पर समझौता भी हुआ था. तब दुबई में 27 यात्री रिहा किए गए थे, जिनमें ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे थे. एक दिन बाद डायबिटीज़ से पीड़ित एक व्यक्ति को भी रिहा कर दिया गया था. कंधार में पेट के कैंसर से पीड़ित सिमोन बरार नाम की एक महिला को कंधार में इलाज के लिए सिर्फ 90 मिनट के लिए विमान से बाहर जाने की इजाजत दी गई थी.
आतंकियों की रिहाई और 20 करोड़ डॉलर की मांग हाईजैक से भारत सरकार की मुश्किलें बढ़ रही थीं. मीडिया में प्लेन हाईजैक की खबरें छाई हुई थी. सारी दुनिया की नजरें इस घटना पर थी. यात्रियों के परिजन और कुछ संगठन देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इन सब के बीच अपरहरणकर्ताओं ने अपने 36 आतंकी साथियों की रिहाई और 20 करोड़ अमरीकी डॉलर की फिरौती की मांगी थी.