
इस शख्स को लोहा खाने में आता है मजा, कुछ ही दिन में खा गया पूरा हवाई जहाज!
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मिशेल लोटिटो फ्रांस के एक ऐसे कलाकार थे जो अजीब चीजें खाने के लिए मशहूर थे- जैसे धातु, कांच, रबर और यहां तक कि पूरा हवाई जहाज तक. लोग उन्हें
क्या आप यकीन करेंगे अगर कोई कहे कि एक आदमी ने पूरा हवाई जहाज खा लिया था? लेकिन यह सच है! फ्रांस के मिशेल लोटिटो नाम के व्यक्ति, जिन्हें लोग ‘मॉन्सियर मैंगेटौट’ कहते थे, ने चार सीटों वाला सेना हवाई जहाज खा लिया था. मिशेल का जन्म 15 जून 1950 को फ्रांस के ग्रेनोबल शहर में हुआ था. वे अजीब चीजें खाने के लिए मशहूर थे. जैसे कांच, धातु, साइकिल, टीवी, और यहां तक कि हवाई जहाज. उन्होंने यह अनोखी आदत 16 साल की उम्र में शुरू की थी. उनकी यही अनोखी क्षमता उन्हें दुनिया भर में मशहूर बना गई, क्योंकि जहां आम लोग रोटी-सब्जी खाते हैं, वहीं मिशेल लोहे और कांच तक खा जाते थे.
अजीबोगरीब चीज़ों को कैसे खा पाया क्या आपने कभी सोचा है कि कोई इंसान लोहे, कांच या पूरा हवाई जहाज कैसे खा सकता है? मिशेल लोटिटो ऐसा कर पाते थे क्योंकि उन्हें एक दुर्लभ बीमारी ‘पिका’ (Pica) थी, जिसमें इंसान को ऐसी चीजें खाने की इच्छा होती है जो खाने लायक नहीं होतीं, जैसे धातु, कांच या मिट्टी. मिशेल ने सिर्फ 9 साल की उम्र में अजीब चीजें खाना शुरू कर दिया था और 1966 में उन्होंने इसे पब्लिक के सामने दिखाना शुरू किया.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज उनके पेट की परत आम इंसान से दोगुनी मोटी थी, और उनके पाचन रस (Digestive Juice) इतने ताकतवर थे कि वे लगभग किसी भी चीज को पचा सकते थे, चाहे वो साइकिल हो, टीवी हो या हवाई जहाज. इसी कमाल की वजह से उन्हें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में “दुनिया के सबसे अजीब आहार वाले इंसान” का खिताब मिला. रिकॉर्ड मिलने पर जब उन्हें एक पीतल की पट्टिका (brass plate) दी गई, तो उन्होंने वो भी खा ली.
रोजाना करीब 1 किलो खाते थे मेटल मिशेल लोटिटो के शो देखने लायक होते थे क्योंकि वो किसी आम चीज का नहीं, बल्कि धातु, कांच, रबर और कई अजीब चीजें खाते थे. उन्होंने अपने जीवन में साइकिल, शॉपिंग कार्ट, टीवी, बिस्तर, यहां तक कि पूरा सेना 150 हवाई जहाज भी खा लिया था. इस हवाई जहाज को खत्म करने में उन्हें पूरे दो साल (1978 से 1980) लग गए थे. मिशेल रोजाना करीब 1 किलो मेटल खाते थे. खाने से पहले वे मेटल को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ते, फिर खनिज तेल पीते और खूब पानी पीते, ताकि गले और पेट को नुकसान न हो. सबसे हैरानी की बात यह है कि उन्होंने इतने जहरीले पदार्थ खाने के बाद भी कभी बीमार नहीं हुए. अनुमान है कि 1959 से 1997 तक उन्होंने लगभग 9 टन धातु खा डाली यानी जितना वजन एक ट्रक का होता है.

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