
इजरायल-हमास के बीच आर-पार की जंग जारी, IDF ने हिजबुल्लाह के ठिकानों पर बरसाए बम
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Israel-Hamas War: इजरायल और हमास के बीच जारी आर-पार की जंग अब और तेज हो गई है. रविवार को इजरायली सेना ने गाजा में हमास के ठिकानों पर जमीनी हमले की तस्वीरें जारी की हैं, जिसमें आईडीएफ जबरदस्त हमले कर रही है. इसके साथ ही हिजबुल्लाह के ठिकानों पर भी बम बरसाए जा रहे हैं.
गाजा में इजरायली सेना ने हवाई हमले एक बार फिर तेज कर दिए हैं. दोनों तरफ से आर-पार की जंग जारी है. गाजा में इजरायली सेना हमास के ठिकानों को चुन-चुनकर निशाना बना रही है. आईडीएफ के जवान घरों और सुरंग में घुसकर जबरदस्त हमले को अंजाम देते दिख रहे हैं. आईडीएफ ने तस्वीरें और वीडियो जारी कर इस हमले में हमास के कई ठिकानों को तबाह करने का दावा किया है. इसमें हमास के एक बड़े हिस्से को नष्ट करने की बात कही गई है. वहीं इन हमलों की वजह से 85 फीसदी आबादी विस्थापित हो गई है.
इजरायल सेना हमास के आतंकियों के साथ-साथ हिजबुल्लाह के ठिकानों पर भी जबरदस्त हमले कर रही है. इस बार आईडीएफ ने हिजबुल्लाह के निगरानी चौकियों और सैन्य कमांड सेंटर को निशाना बनाकर हवाई हमले किए. इजरायली सेना दक्षिण गाजा के राफा में भी हमले को अंजाम दे रही है. राफा में इजरायल के रॉकेट हमले में तीन लोग घायल हो गए हैं, जबकि कई इमारतें पूरी तरह से तबाह हो गई हैं. यहां के लोगों ने युद्ध खत्म करने की मांग की है, क्योंकि लोग या तो बम का शिकार हो जा रहे हैं या फिर भूख से मर रहे हैं.
इन हमलों से गाजा के अस्पताल भी दम तोड़ रहे हैं. यहां मेडिकल सुविधाओं की भारी किल्लत है. डॉक्टरों की संख्या भी बेहद कम है. वहीं दूसरी तरफ भोजन, पानी और बिजली की समस्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. जान-माल की तबाही का आलम ये है कि 7 अक्टूबर से शुरू हुए हमले में अब तक 27 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है. जबकि हमास के हमले से इजरायल में 1200 लोगों की मौत हुई थी. 250 लोगों को हमास के आतंकियों ने अगवाकर बंधक बना लिया था, जिनमें बड़ी संख्या की रिहाई होनी है.
इजरायल एक तरफ गाजा में जंग कर रहा है, तो दूसरी तरफ अपने ही देश में अपने लोगों के गुस्से का शिकार हो रहा है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के इस्तीफे की मांग को लेकर हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. तेल अवीव में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने दावा किया कि मौजूदा सरकार देश की समस्याओं से निपटने में पूरी तरह से विफल रही है. ऐसे में इजरायल में नए नेतृत्व की जरूरत है. इस तरह इजरायल की सरकार के खिलाफ उसके अपने लोगों ने ही मोर्चा खोल दिया है. मारे जा रहे इजरायली सैनिकों को लेकर भारी आक्रोश है.
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