
आतंकी संगठन IS की मदद कर रही थी सीमेंट कंपनी, अमेरिका ने ठोका भारी जुर्माना
AajTak
फ्रांस की सीमेंट कंपनी लाफार्ज को सीरिया में आतंकी संगठन आईएस की मदद करना भारी पड़ गया है. इस मामले में कंपनी को भारी जुर्माना देना होगा. इसके लिए अमेरिका की कोर्ट ने करीब 800 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया है.
फ्रांस की सीमेंट कंपनी लाफार्ज को IS की आर्थिक मदद करने के मामले में भारी भरकम जुर्माना देना होगा. ब्रुकलिन की संघीय कोर्ट ने पहली बार अमेरिका में एक कंपनी को आतंकवादी संगठन को सामग्री सहायता प्रदान करने के आरोप में दोषी ठहराया है.
आरोपों में कहा गया था कि लाफार्ज की ओर से इस्लामिक स्टेट (IS) समेत उन समूहों को आर्थिक मदद की गई थी, जो कि अमेरिका की ओर से आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल किए गए हैं. इस मामले में कोर्ट ने लाफार्ज को दोषी ठहराया. इतना ही नहीं, कंपनी को इस मामले में जुर्माने के तौर पर करीब 800 मिलियन डॉलर का भुगतान करना होगा.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान लाफार्ज ने सीरिया में आतंकी समूहों की मदद करने के अमेरिकी आरोप को स्वीकार भी किया है. इतना ही नहीं, लाफार्ज ने 687 मिलियन डॉलर (698 मिलियन यूरो) जब्त करने और अपनी दोषी याचिका में 90 मिलियन डॉलर का जुर्माना देने पर सहमति व्यक्त की.
सीमेंट निर्माता कंपनी ने पहले आंतरिक जांच के बाद स्वीकार किया था कि उसकी सीरियाई सहायक कंपनी ने संयंत्र में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र समूहों को भुगतान किया था, लेकिन कंपनी की ओर से इस बात से साफ तौर पर इनकार किया गया था कि वह मानवता के खिलाफ अपराधों में शामिल थी.
लाफार्ज के अध्यक्ष मगाली एंडरसन ने कोर्ट में कहा कि अगस्त 2013 से नवंबर 2014 तक कंपनी के पूर्व अधिकारी जानबूझकर सीरिया में विभिन्न सशस्त्र समूहों को भुगतान कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जब जांच में यह पता चला तो इस कृत्य के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को 2017 से कंपनी से निकाल दिया गया था.
2017 में फ्रांस में कुछ समूहों ने लाफार्ज पर 2011 और 2015 के बीच सीरिया में आईएस समूह के आतंकवादियों सहित सशस्त्र समूहों को 13 मिलियन यूरो का भुगतान करने का आरोप लगाया था.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







