
अश्विन ने खोला रिटायरमेंट का सच, कहा- ना रोहित, ना गौती... यह मेरा खुद का फैसला
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पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास उनका व्यक्तिगत फैसला था और इसे लेने के लिए किसी ने उन्हें मजबूर नहीं किया. उन्होंने 2024-25 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के बाद संन्यास की घोषणा की थी और बाद में आईपीएल से भी हट गए.
पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास उनका व्यक्तिगत फैसला था और इसे लेने के लिए किसी ने उन्हें मजबूर नहीं किया. उन्होंने 2024-25 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के बाद संन्यास की घोषणा की थी और बाद में आईपीएल से भी हट गए.
भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने साफ कर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का उनका फैसला पूरी तरह निजी था. उन्होंने कहा कि पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान टेस्ट क्रिकेट छोड़ने के लिए उन्हें किसी ने मजबूर नहीं किया था.
39 साल के अश्विन ने 2024-25 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के बाद ब्रिस्बेन में संन्यास की घोषणा कर सभी को चौंका दिया था. इसके कुछ महीने बाद, उन्होंने अगस्त में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से भी संन्यास ले लिया. इस फैसले के बाद अब वे दुनिया भर की टी20 लीगों में खेलने के लिए स्वतंत्र हैं और इस साल के अंत में बिग बैश लीग (BBL) में उतरने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर बनेंगे.
अपने यूट्यूब चैनल पर अश्विन ने कहा, 'किसी ने मुझसे नहीं कहा कि तुम्हें संन्यास ले लेना चाहिए. किसी ने यह भी नहीं कहा कि टीम में तुम्हारे लिए जगह नहीं है. सच तो यह है कि जब मैंने यह फैसला लिया, तो दो-तीन लोगों ने मुझे ऐसा न करने की सलाह दी. वे चाहते थे कि मैं और खेलूं, लेकिन मैंने अपने दिल की सुनी.'
उन्होंने बताया कि तत्कालीन कप्तान रोहित शर्मा और मेंटर गौतम गंभीर दोनों ने उन्हें फैसला टालने को कहा था. अश्विन ने बताया, ‘रोहित शर्मा (तत्कालीन कप्तान) ने भी मुझे इस बारे में फिर से सोचने को कहा था. गौती भाई (गौतम गंभीर) ने भी मुझे दोबारा सोचने को कहा था... लेकिन मैंने इस बारे में (संन्यास के बारे में) अजीत अगरकर (चयन समिति के अध्यक्ष) से ज्यादा बात नहीं की.'
अश्विन ने कहा कि संन्यास हमेशा एक व्यक्तिगत निर्णय होता है. और उनका फैसला भी वैसा ही था. उनके इस बयान से उन अटकलों पर विराम लग गया है कि टीम प्रबंधन ने उन पर यह कदम उठाने का दबाव बनाया था.

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