
अलग बैठकर खाएं नॉनवेज... JNU हॉस्टल में नए नियम से विवाद! प्रशासन बोला- छात्रों ने सहमति से निकाला रास्ता
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JNU Hostel Food Controversy: जेएनयूएसयू का आरोप है कि माही-मांडवी हॉस्टल में शाकाहारी और मांसाहारी छात्रों के लिए बैठने की अलग अलग व्यवस्था की गई है.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एक हॉस्टल में नॉन वेजिटेरियन छात्रों को अलग बैठाने की व्यवस्था को लेकर विवाद शुरू हो गया है. दरअसल, जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) ने आरोप लगाया है कि माही-मांडवी हॉस्टल के अध्यक्ष (ABVP) ने हॉस्टल की मेस में वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन स्टूडेंट्स के लिए अलग-अलग बैठने की व्यवस्था शुरू की गई है. हॉस्टल में लिए गए इस फैसले को छात्रसंघ ने 'विभाजनकारी' बताया है. अब जेएनयू प्रशासन ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया जारी की है.
इससे पहले छात्रसंघ ने 'हॉस्टल में कोई भेदभाव नहीं (No segregation in our hostels)' शीर्षक से एक बयान जारी किया था. इसमें कहा गया था, 'छात्रों के बीच सौहार्द को तोड़ने की एक चाल के तहत माही-मांडवी छात्रावास के अध्यक्ष ने शाकाहारी और मांसाहारी छात्रों के लिए बैठने की व्यवस्था अलग-अलग कर दी है. यह छात्रावास के नियमों का पूर्ण उल्लंघन है.' साथ ही कहा है कि एबीवी की ओर से घृणा और अलगाव की राजनीति की जा रही है.
इसके साथ ही छात्रसंघ ने हॉस्टल के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया था और प्रशासन के सामने इस मुद्दे को उठाने की बात कही थी. जेएनयूएसयू के अनुसार, हॉस्टल के वार्डन ने उन्हें बताया कि उन्हें इस तरह के निर्देश की पहले से कोई जानकारी नहीं थी और उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की जाएगी.
प्रशासन का क्या कहना है?

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