
अकेलेपन में बिताए कई साल, जन्मदिन, दोस्त, हंसी, सबको छोड़ा, अब खुद को नहीं पहचानती-UPSC छात्रा का दर्द
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यूपीएससी की एक छात्रा ने ईमानदारी से बताया कि कैसे सालों तक अकेले रहकर परीक्षा की तैयारी करने से वह खुद से ही दूर हो गईं. एक वायरल वीडियो में मानवी श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने अपनी पूरी 20 की उम्र यूपीएससी की तैयारी में लगा दी. लेकिन जब यह सफर खत्म हुआ, तो उन्हें लगा जैसे वे अब खुद को पहचान नहीं पा रही हैं.
आज के दौर में देशभर के लाखों युवा अपने सपनों को साकार करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. खासकर यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा के लिए, जिसे भारत की सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में गिना जाता है. सफलता की इस दौड़ में कई अभ्यर्थी खुद को पूरी तरह झोंक देते हैं- नींद, खुशियां और कभी-कभी अपनी पहचान तक भूल जाते हैं. ऐसी ही एक भावनात्मक कहानी सामने आई है मानवी श्रीवास्तव की, जिन्होंने यूपीएससी की तैयारी में अपने पूरे बीसवें दशक को अकेलेपन में गुज़ार दिया. एक वायरल वीडियो में मानवी ने बताया कि कैसे इस सफर ने न सिर्फ उनके साल, बल्कि उनका “खुद” भी छीन लिया.
कई साल अकेलेपन में गुजारा यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाली एक छात्रा ने बताया कि कैसे इस तैयारी के दौरान उसने अपने शुरुआती कई साल अकेलेपन में बिता दिए और इसका उस पर भावनात्मक असर पड़ा. एक वायरल वीडियो में उसने कहा कि जब उसकी तैयारी खत्म हुई, तो उसे लगा जैसे वह खुद को पहचान नहीं पा रही है. मानवी श्रीवास्तव नाम की इस छात्रा ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “लोग कहते हैं यूपीएससी इंसान को बदल देती है, लेकिन कोई नहीं बताता कि यह जिंदगी का बहुत कुछ छीन लेती है. मैंने अपने 20वें दशक के साल इसी में लगा दिए. खुद को कमरे में बंद कर लिया. जन्मदिन, दोस्ती, मुस्कुराहट सब छोड़ दिया और जब सब खत्म हुआ, तो लगा जैसे मैं खुद को ही खो चुकी हूं”.
तैयारी में भुली खुद की लाइफ वीडियो में मानवी ने आगे कहा कि अब वो अपने खाली रिज्यूमे को देखती हैं और खुद के बारे में लिखने की कोशिश करती हैं, लेकिन उन्हें लगता है जैसे वो अब खुद को पहचान नहीं पा रहीं. उन्होंने कहा, “मेरे लैपटॉप की स्क्रीन पर एक ऐसी लड़की दिखती है जिसे नाकामियों के बारे में तो बहुत पता है, लेकिन जीना अब भूल गई है. मुझे पता है कि मैं पढ़ी-लिखी हूं, मजबूत हूं, लेकिन कोशिशों और नतीजों के बीच कहीं, मैंने खुद पर भरोसा करना छोड़ दिया.”उन्होंने सबको सलाह दी, “अगर आप अपने सपने के लिए खुद को सब से दूर कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि उस दौड़ में खुद को मत खो देना. जब सब खत्म होगा, तब आपको अपनी जरूरत महसूस होगी. इसलिए सबसे पहले अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें.”
मानवी का पोस्ट वायरल
मानवी ने अपनी पोस्ट में लिखा-लोग कहते हैं कि यूपीएससी इंसान को बदल देती है. लेकिन कोई नहीं बताता कि यह ज़िंदगी का कोई हिस्सा अछूता नहीं छोड़ती. मैंने अपनी 20 की उम्र इसके लिए लगा दीं खुद को दुनिया से दूर कर लिया. जन्मदिन, दोस्त, हंसी, सब कुछ छोड़ दिया और जब यह सफर खत्म हुआ, तो मुझे समझ ही नहीं आया कि अब मैं कौन हूं. यूपीएससी की तैयारी और नींद के बीच, मैंने खुद को कहीं खो दिया. अब मैं अपने खाली रिज्यूमे को देखती हूं और कोशिश करती हूं कि अपने बारे में कुछ लिखूं, लेकिन खुद से जुड़ नहीं पाता.
मेरे लैपटॉप की स्क्रीन पर अब वो इंसान दिखता है जो नाकामियों को तो बहुत जानती है, लेकिन जीना भूल गई है. मुझे पता है कि मैं पढ़ा-लिखा हूं, सक्षम हूं, मेहनती हूं... लेकिन कोशिशों और नतीजों के बीच कहीं, मैंने खुद पर भरोसा करना छोड़ दिया. अगर आप भी अपने सपने के लिए खुद को सब से दूर कर रहे हैं, तो ध्यान रखें — उस सपने को पाने की दौड़ में खुद को मत खोना. क्योंकि जब सब खत्म होगा, तब सबसे ज़रूरी आप खुद होंगे. हमेशा याद रखें- किसी भी चीज से पहले अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें.

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