Senegal: नेशनल असेंबली में सांसदों के बीच हाथापाई, धक्का मुक्की के बीच बोतलें फेंकी गईं
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पश्चिमी अफ्रीकी देश सेनेगल की नेशनल असेंबली के नए अध्यक्ष के चुनाव की वोटिंग के दौरान विपक्षी सांसद उग्र हो गए. नौबत हाथापाई तक आ गई. विपक्षी सांसदों ने बैलट बॉक्सों को कब्जे में लेने की भी कोशिश की. इस बीच विपक्षी सांसदों को रोकने और वोटिंग प्रक्रिया सुचारू ढंग से सुनिश्चित करने के लिए सदन में सुरक्षाबलों को बुलाया गया.
पश्चिमी अफ्रीकी देश सेनेगल की संसद में सोमवार को एक चौंकाने वाला वाकया देखने को मिला. नेशनल असेंबली के नए अध्यक्ष के चुनाव की वोटिंग के दौरान विपक्षी सांसद उग्र हो गए. इस दौरान नौबत हाथापाई तक आ गई. विपक्षी सांसदों ने बैलट बॉक्सों को कब्जे में लेने की भी कोशिश की. संसद में हो रही वोटिंग प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश कर रहे विपक्षी सांसदों को रोकने और वोटिंग प्रक्रिया सुचारू ढंग से सुनिश्चित करने के लिए सदन में सुरक्षाबलों को बुलाया गया.
जुलाई में सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी सैल के सत्तारूढ़ गठबंधन को बहुमत नहीं मिलने के बाद पहली बार नेशनल असेंबली के सत्र का आयोजन किया जा रहा है. दरअसल जुलाई में सत्तारूढ़ गठबंधन बहुमत साबित नहीं कर पाया था.
नेशनल असेंबली के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए सोमवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे सदन का सत्र बुलाया गया था. हालांकि, पार्टियों के बीच चुनावी प्रक्रिया को लेकर किसी भी तरह की सहमति नहीं बन पाई. इस दौरान पूरे दिन सांसदों के बीच बहस होती रही और तनाव चरम पर पहुंच गया.
सेनेगल के राष्ट्रीय टेलीविजन आरटीएस के मुताबिक, इस दौरान सदन में खूब हंगामा बरपा. सांसदों से खचाखच भरे सदन में एक-दूसरे के साथ धक्का-मुक्की की गई. वहीं, कुछ सांसदों ने एक दूसरे पर प्लास्टिक की बोतलें भी फेंकी.
सेनेगल के नेशनल टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, दरअसल विपक्ष बैलेट से मतदान कराने के पक्ष में नहीं था. इसके बाद वोटिंग प्रक्रिया को सुचारू ढंग से सुनिश्चित कराने के लिए सदन में सुरक्षाबलों को बुलाया गया, जिन्होंने बैलेट बॉक्स को कब्जे में लेने की कोशिश कर रहे सांसदों को जबरन वहां से हटाया.
बता दें के पश्चिमी अफ्रीकी देश सेनेगल में राजनीतिक तनाव चरम पर है. हालांकि, इसे अफ्रीका के सबसे स्थिर लोकतंत्रों में से एक माना जाता है. बता दें कि यह तनाव आंशिक रूप से उस समय और बढ़ गया, जब राष्ट्रपति सैल ने 2024 का संसदीय चुनाव दोबारा लड़ने की अपनी योजनाओं पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया.