Reporter's Diary: पाली में वो बंद गली का आखिरी मकान...खाद की किल्लत में जान गंवाने वाले किसान के घर पुहंची प्रियंका गांधी
ABP News
प्रियंका गांधी लखनऊ से रात में चलकर सुबह सात बजे ललितपुर आ गयीं थीं और पाली आकर उन किसानों के परिजनों से मिलना चाह रहीं थी जिन किसानों ने खाद की किल्लत में जान गंवायी या मौत को गले लगाया.
भोपाल से मुंह अंधेरे तडके सुबह पांच बजे निकले थे तो तकरीबन दस बजे एमपी यूपी सीमा पार कर हम यूपी के ललितपुर जिले के पाली में थे. पहले लगा कि छोटा गांव होगा मगर ये सडक किनारे बसा कस्बा था. खाद वाला किसान....बोलते ही रोड के पान के टपरे पर खडे आदमी ने दायें हाथ का इशारा अंदर जाने वाली सडक की ओर किया और कुछ सेकेंड बाद मुंह में रखे गुटखे को काबू में कर बस इतना बोला निकल जाओ सीधे. सीधे चलते चलते पहले सड़क किनारे का बडा बाजार फिर संकरी होती सडक के कारण छोटा बाजार और आखिर में कच्चे पक्के मकान आने लगे. खाद बोलते ही सब वैसा ही इशारा करते जैसा मेन रोड पर उस व्यक्ति ने किया था.
थोडी दूर पर पुलिस की गाड़ियां और कांग्रेस के कुर्ते पजामे में सजे संवरे नेता दिखने लगे थे. ये संकरी सी गली थी जिसके आखिरी में पीएम आवास के सामने पुलिस वालों के घेरे में मोबाइल धारी हमारे स्टिंगर साथी खडे थे. बीच बीच में पुलिस के थानेदार साब वहां सबको लाइन में खड़े रहने की ताकीद कर चले जाते. उस संकरी सी गली में जहां दोनों तरफ पुलिस कांग्रेसी कार्यकर्ता और मीडिया वाले खडे हों वहां कितनी सी जगह होगी प्रियंका गांधी के आने के लिये. जी हां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लखनऊ से रात में चलकर सुबह सात बजे ललितपुर आ गयीं थीं और पाली आकर उन किसानों के परिजनों से मिलना चाह रहीं थी जिन किसानों ने खाद की किल्लत में जान गंवायी या मौत को गले लगाया. ये किसान आस पास के गांवों के थे इसलिये पाली के वल्लू पाल के इस छोटे से घर में सबको बुला लिया गया था.