NEET आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्या हैं मायने?
BBC
इस अंतरिम फैसले का सीधा मतलब ये है कि 2021-22 के लिए एनईईटी पीजी काउंसलिंग ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण निर्धारित करने के मौजूदा मानदंडों के अनुसार आयोजित की जा सकेगी.
शुक्रवार को दिए एक अंतरिम आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2021 के लिए एनईईटी स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों के लिए काउंसलिंग को आगे बढ़ाने के लिए अनुमति दे दी. इसके साथ ही डॉक्टरों की भर्तियों में हो रही देरी की समस्या सुलझने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने कहा है कि ओबीसी का 27 फ़ीसदी कोटा और आर्थिक रूप से कमज़ोर (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 फ़ीसदी आरक्षण बरकरार रहेगा.
ईडब्ल्यूएस कोटा निर्धारित करने के लिए जो मानदंड इस्तेमाल किए गए हैं उनकी वैधता पर सुप्रीम कोर्ट मार्च ने विस्तृत सुनवाई करेगी.
इस अंतरिम फैसले का सीधा मतलब ये है कि 2021-22 के लिए एनईईटी पीजी काउंसलिंग ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण निर्धारित करने के मौजूदा मानदंडों के अनुसार आयोजित की जा सकेगी.