
Indian Railways: ट्रेन टिकट बुकिंग के बाद बदलना चाहते हैं बोर्डिंग स्टेशन? फॉलो करें ये स्टेप्स
AajTak
Indian Railway Rules: अगर कभी इमरजेंसी में आप अपने बोर्डिंग स्टेशन से ट्रेन ना पकड़ पा रहे हों तो ट्रेन छूटने के 24 घंटे के अंदर अपना बोर्डिंग प्वॉइंट बदल सकते हैं. आइए जानते हैं बोर्डिंग स्टेशन बदलने की प्रक्रिया क्या है.
Change Boarding Station: इंडियन रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए समय-समय पर नियमों की जानकारी यात्रियों को देता रहता है. इसी कड़ी में IRCTC ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर कर यात्रियों को टिकट बुकिंग के बाद बोर्डिंग स्टेशन बदलने की जानकारी दी है.
कई बार हम और आप आपातकालीन स्थिति में अपने बोर्डिंग स्टेशन से काफी दूर होते हैं, ऐसे में किसी दूसरे स्टेशन से ट्रेन पकड़ना उचित होता है, लेकिन अक्सर ऐसा होता है अगर बोर्डिंग स्टेशन पर यात्री ना पहुंचे तो टीटी टिकट कैंसिल कर देता है. लेकिन क्या आपको पता है कि आप टिकट बुकिंग के बाद भी अपना बोर्डिंग स्टेशन बदल सकते हैं.
अगर आप किसी पैसेंजर रिर्जवेशन सिस्टम से या फिर किसी ट्रैवल एजेंट के जरिए टिकट बुक कराते हैं तो आप इस सुविधा का फायदा नहीं उठा पाएंगे. वहीं आगर आपने अपनी टिकट ऑनलाइन बुक कराई है तो कुछ स्टेप्स को फॉलो करके आप अपना बोर्डिंग प्वॉइंट बदल सकते हैं.
ऐसे बदले अपना बोर्डिंग स्टेशन
24 घंटे के अंदर ही बदल पाएंगे बोर्डिंग प्वॉइंट
अगर कोई यात्री बोर्डिंग प्वॉइंट बिना बदले किसी दूसरे स्टेशन से ट्रेन पकड़ता है तो उसे इसके लिए जुर्माना भरना पड़ता है. इसके अलावा जिस स्टेशन के लिए उसने टिकट बुक कराई थी और जिस स्टेशन से वह टिकट बुक कर रहा है उसके बीच की दूरी के हिसाब से किराए का भुगतान भी करना पड़ता है. याद रहे ट्रेन छूटने के 24 घंटे के अंदर ही आप बोर्डिंग प्वॉइंट बदल सकते हैं.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.










