Hajj 2022: हज में मुस्लिम क्या करते हैं? इससे जुड़ी जरूरी बातें जो आपको होनी चाहिए मालूम
AajTak
हज को इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है. कहा जाता है कि शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम मुस्लिमों को अपने जीवन में कम से कम एक बार हज की यात्रा करनी चाहिए. हज यात्रा के दौरान कई नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है. आइए जानते हैं इस्लाम में हज का क्या महत्व है और इससे जुड़ी जरूरी बातें क्या हैं.
हज मुस्लिमों का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है. इस्लाम के अनुसार, हर मुस्लिम को अपने जीवन में एक बार हज जरूर जाना चाहिए. हर साल सऊदी अरब के पवित्र मक्का शहर में धुल हिज्जा महीने में हज की यात्रा की जाती है. धुल हिज्जा इस्लामिक कैलेंडर वर्ष का 12वां महीना है.
सऊदी अरब में चांद दिखने के बाद सात जुलाई यानी गुरुवार से हज की यात्रा शुरू हो गई है. सऊदी अरब में इस बार बड़ी संख्या में लोग हज यात्रा करने पहुंचे हैं.
हज को इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है. कहा जाता है कि शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम मुस्लिमों को अपने जीवन में कम से कम एक बार हज की यात्रा करनी चाहिए. हज यात्रा करने का उद्देश्य अपने पाप धोने और खुद को अल्लाह के और करीब लाना है.
कैसे की जाती है हज यात्रा
हाजी हज के लिए धुल-हिज्जा के सातवें दिन मक्का पहुंचते हैं. हज यात्रा के पहले चरण में हाजियों को इहराम बांधना होता है. इहराम दरअसल बिना सिला हुआ कपड़ा होता है, जिसे शरीर पर लपेटना होता है. इस दौरान सफेद कपड़ा पहनना जरूरी है. हालांकि, महिलाएं अपनी पसंद का कोई भी सादा कपड़ा पहन सकती है लेकिन हिजाब के नियमों का पालन करना चाहिए.
हज के पहले दिन हाजी तवाफ (परिक्रमा) करते हैं. तवाफ का मतलब है कि हाजी सात बार काबा के चक्कर काटते हैं. ऐसी मान्यता है कि यह उन्हें अल्लाह के और करीब लाता है. इसके बाद सफा और मरवा नाम की दो पहाड़ियों के बीच सात बार चक्कर लगाए जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि पैगंबर इब्राहिम की पत्नी हाजिरा अपने बेटे इस्मायल के लिए पानी की तलाश में सात बार सफा और मरवा की पहाड़ियों के बीच चली थीं.
पुणे के हिट एंड रन केस में आज कई खुलासे हुए. अब पुणे पुलिस उस आदेश की भी जांच कर रही है जिसमें जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी को हादसे पर निबंध लिखने की सजा देकर घर जाने दे दिया था. पुलिस ये पता लगा रही है कि क्या ऐसी सजा बोर्ड ने अपनी मर्जी से सुनाई या उस बोर्ड के सदस्य पर किसी का कोई प्रभाव था. देखें रणभूमि.
भारत 46वें अंटार्कटिक संसद की मेजबानी कर रहा है. 30 मई तक चलने वाली इस बैठक में बर्फीले महाद्वीप से जुड़े कई मुद्दों पर बात होगी. फिलहाल वैज्ञानिक परेशान हैं क्योंकि अंटार्कटिक महासागर के भीतर धाराएं कमजोर पड़ रही हैं. डर जताया जा रहा है कि साल 2050 तक ये बहाव इतना कम हो जाएगा कि सांस लेने के लिए ऑक्सीजन घटने लगेगी.
इजरायल ने रफा में हमास के ठिकानों पर रविवार को हवाई हमला किए हैं. इजरायली सेना के इस हमले में कम से कम 35 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और कई लोग घायल हो गए हैं. गाजा में हमास द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किदरा ने कहा, हमले में 34 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हो गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.