
सऊदी अरब पर ये बड़ा प्रतिबंध हटाने जा रहा अमेरिका! क्या है वजह
AajTak
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सत्ता में आने के साथ ही सऊदी अरब के मानवाधिकार रिकॉर्ड को लेकर उसे निशाने पर लिया था. बाइडेन ने सऊदी को हथियार बेचने पर भी कई प्रतिबंध लगाए थे. लेकिन अब अमेरिका हथियार बेचने को लेकर प्रतिबंध हटाने जा रहा है.
अमेरिका आने वाले हफ्तों में सऊदी अरब को विनाशकारी हथियारों की बिक्री पर लगा प्रतिबंध हटा सकता है. रविवार को फाइनेंशियल टाइम्स ने खबर दी की अमेरिका संभावित रूप से सऊदी पर लगा ये प्रतिबंध हटाने वाला है.
अखबार ने मामले से परिचित एक सूत्र के हवाले से लिखा कि अमेरिका ने पहले ही सऊदी अरब को संकेत दे दिया है कि वो प्रतिबंध हटाने के लिए तैयार है.
बाइडेन में सऊदी पर लगाए थे कई प्रतिबंध
साल 2021 में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सत्ता में आने के तुरंत बाद सऊदी को खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड को लेकर निशाने पर लिया था. यमन में हूतियों के खिलाफ सऊदी के अभियान में भारी संख्या में आम लोगों की मौत हुई जिसे लेकर बाइडेन ने सऊदी के प्रति सख्ती दिखाई.
साल 2018 में वॉशिंगटन पोस्ट के अमेरिका स्थित सऊदी पत्रकार और सऊदी सरकार के आलोचक जमाल खाशोज्जी की तुर्की स्थित सऊदी दूतावास में हत्या कर दी गई थी. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि मोहम्मद बिन सलमान ने इस हत्या के आदेश दिए थे. वहीं, राष्ट्रपति बाइडेन ने इस हत्या के लिए सीधे सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को दोषी ठहराया था.
बाइडेन ने खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड को देखते हुए अपने सबसे बड़े हथियार खरीददार सऊदी पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए. सऊदी को दशकों से अमेरिका की तरफ से हर तरह के हथियार भारी पैमानों पर उपलब्ध कराए जाते थे लेकिन प्रतिबंधों के कारण कई तरह के हथियार सऊदी तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






