
Delhi Meerut Rail Rail: रैपिड रेल का इंतजार जल्द होगा खत्म! जानें कब से पटरी पर दौड़ेगी ट्रेन
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Delhi-Meerut Rapid Rail: दिल्ली से मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल मेट्रो का लोगों को बेसब्री से इंतजार है. ऐसे में माना जा रहा है कि इसके उद्घाटन की घोषणा जल्द की जा सकती है. उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही इस ट्रेन का उद्घाटन हो सकता है. आइए जानते हैं क्या है अपडेट.
देश की पहली रैपिड रेल का इंतजार हर किसी को है. खासकर दिल्ली से मेरठ तक का सफर करने वाले लोग तो बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में इसके परिचालन को लेकर जल्द ही घोषणा हो सकती है. उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव हैं और ऐसे में चुनाव की घोषणा से पहले रैपिड रेल के पहले चरण को शुरू कर दिया जा सकता है.
निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान 10 अप्रैल तक हो सकता है. उससे पहले ही रैपिड रेल शुरू करने की तैयारी है क्योंकि चुनाव की तारीख का ऐलान होने के बाद आचार संहिता लग जाने के बाद किसी तरह का कोई उद्घाटन या कोई नई योजना की शुरुआत नहीं हो सकती है. इसलिए उम्मीद है कि जल्द ही रैपिड रेल आम यात्रियों को सेवा देने के लिए तैयार होगी. देश की पहली रैपिड रेल के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गाजियाबाद आ सकते हैं.
परिचालन से पहले लगातार ट्रायल और हर तरह की सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है. एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया कि यात्रियों के लिए रैपिड ट्रेन का परिचालन कब शुरू होगा, यह निर्णय उच्चाधिकारी लेंगे. साहिबाबाद से दुहाई के बीच रैपिड ट्रेन के परिचालन के लिए ट्रैक तैयार है.लआरआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण कार्य बहुत ही तीव्र गति से किया गया है. पहले फेस में साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर के प्रायोरिटी सेक्शन की शुरुआत होगी. उसके बादमेरठ तक का ये सफर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है.
जानें रैपिड रेल के फीचर्स आरआरटीएस ट्रेन के डिब्बों में बैठने के लिए आमने-सामने 2x2 सीटें होंगी. इसके अलावा, यात्री खड़े होकर भी सफर कर सकेंगे. ऑटोमेटिक प्लग-इन दरवाजों के अलावा रैपिड रेल में जरूरत के आधार पर चुनिंदा दरवाजों को खोलने के लिए पुश बटन होंगे. हर स्टेशन पर सभी दरवाजे खोलने की जरूरत नहीं होगी. इसके एनर्जी की भी बचत होगी.
आरआरटीएस ट्रेनों में विशाल, आरामदायक और झुकी हुई सीटें होंगी. इसके अलावा, हर ट्रेन में एक डिब्बा महिलाओं के लिए रिजर्व्ड रहेगा. प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाए जाएंगे और ट्रेनों के दरवाजों को इस पीएसडी से जोड़ा जाएगा. ऐसा होने से यात्रियों के पटरी पर गिरने जैसी दुर्घटनाओं को पूरी तरह खत्म किया जा सकेगा.

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