
CBSE Two Exam Formula: क्या छात्र दूसरे एग्जाम में सिर्फ एक-दो विषय की परीक्षा देकर भी नंबर सुधार सकता है? ये है CBSE का नया नियम
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सीबीएसी के टू एग्जाम फॉर्मूला को लेकर छात्रों के मन में सवाल है कि अगर छात्र पहले एग्जाम में परीक्षा देता है और कुछ विषयों में फेल हो जाता है तो क्या वे दूसरी बार एग्जाम में सिर्फ उन्हीं विषयों के एग्जाम देकर पास मार्कशीट बनवा सकता है? या फिर अगर छात्र के पहले एग्जाम में कुछ विषयों में कम नंबर आते हैं तो क्या वे दूसरे एग्जाम में सिर्फ उन्हीं विषयों की परीक्षा देकर अंपने अंक सुधार सकता है? इसका जवाब जानने के लिए ड्राफ्ट के रूल्स को समझना होगा.
CBSE Two Exam Formula: सीबीएसई बोर्ड ने कक्षा 10वीं की परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव किया है. साल 2026 से सीबीएसई हाई स्कूल की परीक्षा दो बार आयोजित की जाएंगी. सीबीएसई ने फैसला लिया है कि 2026 से कक्षा 10वीं के लिए बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी. अगर कोई छात्र बीमार हो जाता है या फिर किसी कारणवश उसका एग्जाम छूट जाता हो तो वे दोबारा परीक्षा दे सकता है. इस बीच छात्रों के मन में सवाल है कि अगर छात्र पहले एग्जाम में परीक्षा देता है और कुछ विषयों में फेल हो जाता है तो क्या वे दूसरी बार एग्जाम में सिर्फ उन्हीं विषयों के एग्जाम देकर पास मार्कशीट बनवा सकता है? या फिर अगर छात्र के पहले एग्जाम में कुछ विषयों में कम नंबर आते हैं तो क्या वे दूसरे एग्जाम में सिर्फ उन्हीं विषयों की परीक्षा देकर अंपने अंक सुधार सकता है? इसका जवाब जानने के लिए ड्राफ्ट के रूल्स को समझना होगा.
अगर कोई छात्र पहली परीक्षा के सभी विषयों में फेल हो जाता है, तो उसे सुधार के लिए दूसरी परीक्षा देनी ही होगी. याद रखें कि दोनों परीक्षाओं का पाठ्यक्रम एक जैसा ही होगा. अगर छात्र के पहले एग्जाम में किसी विषय में कम नंबर आए हैं तो तो उसे अंक सुधारने के लिए दूसरी बार हर विषय की परीक्षा देनी होगी. वे अंक सुधारने के लिए सिर्फ एक या दो विषय का एग्जाम दूसरी परीक्षा में नहीं दे सकता.
अगर छात्र शुरू के पांच और मुख्य विषय जैसे हिंदी, मैथ्स, सोशल साइंस, साइंस और इंग्लिश में से किसी एक में भी फेल हो जाता है तो उसे पूरा एग्जाम यानी कि सभी विषयों के एग्जाम दूसरी बार होने वाली परीक्षा में देने होंगे. वहीं, अगर छात्र पहले एग्जाम में छटवें या सांतवे एग्जाम में फेल होता है, जैसे विदेशी भाषा, रीजनल भाषा तो छात्र सिर्फ इन्हीं विषयों की परीक्षा को दूसरी बार आयोजित होने वाले एग्जाम में दे सकता है. सिर्फ इस मामले में यह जरूरी नहीं है कि पहले राउंड में सभी विषयों की परीक्षा देने वाला छात्र दूसरे राउंड में भी सभी विषयों की परीक्षा दे.
दूसरी परीक्षा में छात्र विषय बदलना चाहे तो?
अगर पहली परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं होता है, तो वे दूसरी परीक्षा में सुधार कर सकता है. इससे छात्रों को परीक्षा का दबाव कम होगा और वे बिना किसी चिंता के अपनी पढ़ाई कर सकेंगे. इसके अलावा विषय बदलवाने के लिए भी कुछ रूल सेट किए गए हैं. ड्राफ्ट के अनुसार, अगर छात्र LOC (List of Candidates) जमा कर देते हैं, तो उसके बाद किसी भी विषय में बदलाव नहीं किया जा सकेगा. यदि कोई छात्र LOC जमा करने के बाद विषय बदलना चाहता है, तो यह बदलाव केवल दूसरी परीक्षा में ही किया जा सकेगा.
ऐसे छात्र यह विकल्प चुन सकते हैं कि वे पहली परीक्षा में उस विषय में न बैठें. अगर वे पहली परीक्षा में उस विषय की परीक्षा देते हैं, तो उन्हें दूसरी परीक्षा में उस विषय को बदलने की अनुमति नहीं मिलेगी. यह सिर्फ ऑप्शनल सब्जेक्ट्स के साथ ही है. इसका मतलब है कि अगर छात्र पहली परीक्षा में किसी विषय में उपस्थित होता है, तो वह उसी विषय में दूसरी परीक्षा में भी बैठने के लिए बाध्य रहेगा और उसे विषय बदलने का मौका नहीं मिलेगा. अगर छात्र सिर्फ दूसरी परीक्षा में बैठता है, तो उसके लिए कोई और परीक्षा नहीं आयोजित की जाएगी.

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