Bihar Political Crisis: BJP को छोड़ RJD संग नीतीश कुमार, जानिए क्या हैं नफा-नुकसान
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2020 चुनावों में गठबंधन की बड़ी जीत के बाद, तमाम राजनीतिक विश्लेषकों ने जोर शोर से दावा किया था कि इस जीत में प्रधानमंत्री मोदी का हाथ है. बीजेपी का दावा था कि बिहार में पीएम मोदी की लहर ने नीतीश की एंटी इनकमबेंसी को मिटा दिया,जिससे उनके गठबंधन को जीत मिली. बीजेपी अपने दावे में एक आकंड़ा भी देती रही. जिसमें बताया गया है कि बिहार की कुल 243 सीटों के लिए बीजेपी के 110 और जेडीयू के 115 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे, जिसमें से बीजेपी के 74 उम्मीदवार जीते और जेडीयू के 43 थे. उम्मीदवारों की संख्या के मुकाबले बीजेपी की जीत का प्रतिशत 67 था, और जेडीयू का 37 प्रतिशत थी. ये डेटा देखने के बाद नीतीश कुमार को अंदाजा हो गया, कि चुनावों में जीत के लिए सबसे बड़ा फैक्टर पीएम मोदी ही थे और उनका लाभ बीजेपी को ज्यादा मिला. अब इस वीडियो में देखें कि BJP को छोड़ RJD संग नीतीश कुमार के क्या हैं नफा-नुकसान.
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना भी मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज हो गई है. पार्टी के चीफ व्हिप श्रीरंग बारणे का कहना है कि उनकी पार्टी ने सात सीटें जीती हैं और बावजूद इसके उन्हें कोई कैबिनेट मंत्रालय नहीं दिया गया. उनका कहना है कि एनडीए के अन्य घटक दलों को कम सीट मिलने पर भी कैबिनेट में जगह मिली है.