
AgriGold Ponzi Scheme के पीड़ितों को बड़ी राहत, ED ने कुर्क की गई 6000 करोड़ की संपत्ति लौटाई
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प्रवर्तन निदेशालय ने एग्रीगोल्ड पोंजी योजना के पीड़ितों को लगभग 3,339 करोड़ रुपये की संपत्ति लौटाई है, जिसकी मार्केट वैल्यू 6,000 करोड़ रुपये से अधिक है. इससे 32 लाख पीड़ितों को राहत मिलेगी, जिन्होंने इस योजना में अपनी जमा पूंजी खो दी थी.
प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में एक अहम कदम उठाते हुए, एग्रीगोल्ड पोंजी योजना के पीड़ितों को लगभग 3,339 करोड़ रुपये की कुर्क की गई संपत्तियां लौटा दी हैं. इन संपत्तियों की मार्केट वैल्यू 6,000 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है, जो कि अलग-अलग काई राज्यों में स्थित है. इस कार्रवाई से लगभग 32 लाख पीड़ितों को राहत मिलेगी, जिन्होंने इस पोंजी योजना में अपनी जमा पूंजी खो दी थी.
एग्रीगोल्ड समूह ने हाई रिटर्न वाले रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट या रेजिडेंशियल प्लाट्स के वादे के बहाने लगभग 19 लाख ग्राहकों और 32 लाख खाताधारकों से जमा राशि इकट्ठा की थी. यह योजना असल में एक धोखाधड़ी वाली सामूहिक निवेश योजना थी, जिसमें 130 से अधिक फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया गया था.
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इन कंपनियों ने 'प्लॉट के लिए अडवांस' के रूप में कुछ अमाउंट का भुगतान किया था, लेकिन असम में वो जमीनें एग्जिस्ट ही नहीं करती थी. बाद में उस फर्जी कंपनी ने ग्राहकों को बिना सूचित किए पूरे फंड्स को बिजली, डेयरी, मनोरंजन, स्वास्थ्य और कृषि भूमि इक्वीपमेंट्स सहित विभिन्न क्षेत्रों में डायवर्ट कर दिया.
जांच और कानूनी कार्रवाई
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, ओडिशा और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में दर्ज कई एफआईआर के बाद, प्रवर्तन निदेशालय ने 2018 में एग्रीगोल्ड समूह की जांच शुरू की. इस जांच में पाया गया कि इस घोटाले में 32 लाख से अधिक निवेशक खातों से लगभग 6,380 करोड़ रुपये जमा किए गए थे, जिसमें हजारों कमीशन एजेंटों की मदद ली गई थी.

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