
लोन ऐप से लेकर फेक जॉब तक... 1000 करोड़ के साइबर फ्रॉड की पूरी कहानी, CBI ने 58 कंपनियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट
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देश में हजारों लोगों को ऑनलाइन निवेश, लोन और नौकरी का झांसा देकर ठगने वाले एक बड़े ट्रांसनेशनल साइबर फ्रॉड नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है. CBI की जांच में सामने आया है कि इस नेटवर्क के जरिए 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम इधर-उधर की गई, जिसकी कमान विदेश से संभाली जा रही थी.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक बड़े और संगठित ट्रांसनेशनल साइबर फ्रॉड नेटवर्क का खुलासा किया है और 17 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. इनमें 4 विदेशी नागरिक शामिल हैं. जांच एजेंसी ने 58 कंपनियों पर बड़ा एक्शन लिया है. जांच में सामने आया है कि इस साइबर नेटवर्क के जरिए 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध रकम को देश और विदेश में घुमाया गया.
जानकारी के मुताबिक, यह साइबर फ्रॉड नेटवर्क देश के कई राज्यों में फैला हुआ था और हजारों आम नागरिकों को अलग-अलग ऑनलाइन ठगी योजनाओं के जरिए निशाना बनाया गया. CBI की जांच में सामने आया है कि यह संगठित सिंडिकेट भ्रामक लोन ऐप, फर्जी निवेश स्कीम, पोंजी और MLM मॉडल, नकली पार्ट-टाइम जॉब ऑफर और धोखाधड़ी वाले ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को ठग रहा था. इन सभी गतिविधियों के पीछे एक ही नेटवर्क काम कर रहा था.
अक्टूबर 2025 में हुई थी पहली गिरफ्तारी
CBI ने अक्टूबर 2025 में इस मामले में तीन मुख्य भारतीय सहयोगियों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद जांच का दायरा बढ़ाया गया, जिसमें साइबर और वित्तीय गड़बड़ी की परत-दर-परत जांच की गई.
I4C से मिले इनपुट के बाद दर्ज हुआ केस
यह केस गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre) से मिले इनपुट के आधार पर दर्ज किया गया था. शुरुआती तौर पर ये मामले अलग-अलग शिकायतों जैसे दिख रहे थे, लेकिन CBI के डिटेल एनालिसिस में ऐप्स, फंड फ्लो पैटर्न, पेमेंट गेटवे और डिजिटल फुटप्रिंट में चौंकाने वाली समानताएं सामने आईं.

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