200 लोगों का रेस्क्यू, 10 आतंकियों का खात्मा...इजरायल की खूंखार कैनाइन यूनिट की दिलचस्प दास्तान
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इजरायल हमास के खिलाफ कई मोर्चों पर जंग लड़ रहा है. एक तरफ उसकी सेना गाजा पट्टी में हमले कर रही है, तो दूसरी लेबनान सीमा पर हिजबुल्लाह के खिलाफ डटी है. इसके साथ ही हमले के बाद हताहत हुए और बंधी बनाए गए लोगों का रेस्क्यू भी कर रही है. इसमें सबसे ज्यादा मदद सेना की कैनाइन यूनिट कर रही है. आइए उसके बारे में जानते हैं.
हमास आतंकियों के हमले में तबाह हुआ इजरायल का एक इलाका. यहां एक घर में इजरायली सैनिक पहुंचते हैं. घर के सदस्य उनकी आवाज सुनकर सहमे हुए बाहर निकलते हैं. एक सैनिक महिला से हिब्रू भाषा में पूछता है, "आप कैसी हैं, क्या आप यहां किसी के साथ हैं, यह आईडीएफ है. सब कुछ ठीक है. हैप्पी हॉलिडे, हैप्पी हॉलिडे." महिला दरवाजे के पीछे जवाब देती है, " मैं यहां मेरे बेटे के साथ हूं." इसके बाद में इजरायली सेना के जवान उस महिला और उसके बेटे को लेकर बाहर चले जाते हैं. आईडीएफ यानी इजरायल डिफेंस फोर्सेस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा है, "हमास नरसंहार के दौरान घंटों बंद रहने के बाद हमारी स्पेशल यूनिट 'ओकेट्ज' ने इस मां और बेटे को खबर दी कि वे सुरक्षित हैं."
अब सवाल उठता है कि इजरायल डिफेंस फोर्सेस के स्पेशल यूनिट 'ओकेट्ज' क्या है, ये क्या काम करती है, हमास के खिलाफ युद्ध में इस यूनिट की भूमिका क्या है? इन सवालों के जवाब जानने से पहले ये समझ लीजिए कि ये यूनिट इंसान की नहीं है. बल्कि इंसानों के सबसे वफादार जानवर कुत्तों की है. इसे इजरायली सेना की कैनाइन या के-9 यूनिट भी कहा जाता है. 'ओकेट्ज' ने इस जंग में अभी तक 200 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया है. इतना ही नहीं हमास के 10 से अधिक आतंकियों को मौत की नींद भी सुला दिया है. इनका खौफ इतना है कि आतंकी इन्हें दूर से देखते ही गोलियों की बौछार करने लगते हैं. कोई भी इनके करीब नहीं आ पाता. इस यूनिट के लड़ाके दूर से दुश्मन की आहट समझ लेते हैं.
नारो ने पेश की बहादुरी की मिसाल
हमास के आतंकियों ने सबसे ज्यादा इजरायल के शहर किबुत्ज में कत्लेआम मचाया था. यहां सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया. कई लोगों को बंधक बनाकर साथ ले गए तो कई को उन्हीं के घरों में बंधक बना दिया. यहां तबाही के निशान हर जगह साफ नजर आते हैं. यही वजह है कि कैनाइन यूनिट को इस इलाके में तैनात किया गया है. ताकि लोगों को रेस्क्यू किया जा सके और जरूरत पड़ने पर आतंकियों का खात्मा भी. गाजा के करीब कफर अजा इलाके में हमास के आतंकी घात लगाकर बैठे थे. नारो नामक एक कुत्ते ने आतंकियों के मूवमेंट को भांप लिया और इजरायली सेना को अलर्ट कर दिया. नारो की मदद से सेना ने आतंकियों पर हमला बोल दिया. हालांकि, नारो इस हमले में शहीद हो गया.
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