हिंदुत्व कार्ड से BJP को हराने की तैयारी! मध्य प्रदेश कांग्रेस की 'धर्म संसद' में जुटे पुजारी
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मध्य प्रदेश की सत्ता पर 18 सालों से हिंदुत्व के सहारे कब्जा जमाई भाजपा को कांग्रेस अब उसी के अंदाज में परास्त करना चाहती है. इसके लिए सॉफ्ट हिंदुत्व का चोला छोड़ कांग्रेस अब हार्ड हिंदुत्व की ओर बढ़ते दिखाई दे रही है.
इसी साल होने वाले विधानसभा चुनावों के चलते मध्य प्रदेश का सियासी माहौल हिंदुत्व के एजेंडे पर चलता हुआ दिखाई दे रहा है. भाजपा पहले से ही धर्म की सनातनी पिच पर खेलती आ रही है, तो वहीं कांग्रेस भी हिंदुत्व को एजेंडा बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है. यही वजह है 2 अप्रैल रविवार को भोपाल में कांग्रेस कार्यालय भगवामय दिखाई दिया. मौका रहा कांग्रेस का पुजारियों धर्माचार्यों की धर्म संवाद का.
दरअसल, 18 सालों से मध्य प्रदेश की सत्ता पर हिंदुत्व के सहारे कब्जा जमाई भाजपा को कांग्रेस अब उसी के अंदाज में परास्त करना चाहती है. इसके लिए सॉफ्ट हिंदुत्व का चोला छोड़ कांग्रेस अब हार्ड हिंदुत्व की ओर बढ़ते दिखाई दे रही है. राजधानी भोपाल में रविवार को तस्वीर बदली दिखाई दी. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में भगवा झंडा बैनर गमछों से पटे पड़े कांग्रेस कार्यालय में पुजारियों-धर्माचार्यों का एक धर्म संवाद हुआ.
कांग्रेस के मुताबिक धार्मिक क्षेत्रों के सरकारी कार्य का विरोध लंबे समय से मंदिरों के पुजारी और मठ के महंत कर रहे हैं. इनकी नाराजगी को भुनाने के लिए धर्म संसद बुलाई गई थी. जाहिर है जब साधु संतों का सम्मेलन था तो माहौल भगवा होना ही था. भाजपा को ऐतराज हुआ तो कमलनाथ सामने आए और कहा कि भाजपा ने भगवा का ठेका नहीं ले रखा. न ही उनके पास भगवा का ट्रेडमार्क है.
बता दें कि कांग्रेस पुजारी प्रकोष्ठ की तरफ से आयोजित इस धर्म संवाद में मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से पंडित पुजारी पहुंचे थे. जिन्होंने अपनी समस्या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के सामने रखीं और उम्मीद जताई कि यदि कांग्रेस की सरकार बनी तो उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा. कांग्रेस ने पिछले साल ही मध्य प्रदेश मंदिर पुजारी प्रकोष्ठ बनाया था. इसके जरिए कांग्रेस की नज़र ब्राह्मण वोटबैंक के साथ-साथ अपनी सॉफ्ट हिंदुत्व की छवि को और मजबूत करने की है.
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