
सीरिया से प्रतिबंध हटाएगा अमेरिका... डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी में किया ऐलान, कहा- बैन लगाने का हमारा मकसद पूरा हुआ
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ट्रंप की यह घोषणा सीरिया के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस पर अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है. यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों की ओर से इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया आएगी, यह देखना शेष है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को सीरिया पर लगाए गए सभी प्रतिबंध हटाने का ऐलान किया. उन्होंने सऊदी अरब की राजधानी रियाद में आयोजित एक इंवेस्टमेंट समिट को संबोधित करते हुए यह घोषणा की. ट्रंप ने कहा कि इन प्रतिबंधों ने अपना उद्देश्य पूरा कर लिया है और अब समय आ गया है कि सीरिया को अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा वापस पाने का अवसर मिले. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'मैं सीरिया पर लगाए गए सभी प्रतिबंध हटाने का आदेश दूंगा ताकि उन्हें खुद को फिर से स्थापित करने का अवसर मिल सके. यह उनके लिए चमकने का समय है. हम सभी प्रतिबंध हटा रहे हैं. शुभकामनाएं सीरिया, हमें कुछ विशेष करके दिखाइए.'
अमेरिकी राष्ट्रपति स्पष्ट किया कि इन प्रतिबंधों का मूल उद्देश्य सीरिया पर दबाव बनाना था, ताकि वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानवाधिकारों का सम्मान करे. अब वह चरण समाप्त हो चुका है, और सीरिया को पुनर्निर्माण और शांति की दिशा में आगे बढ़ने दिया जाना चाहिए. अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने उन मानवाधिकार उल्लंघनों और सैन्य कार्रवाइयों के चलते सीरिया पर प्रतिबंधों की एक श्रृंखला लगाई थी, जो सीरियाई गृह युद्ध के दौरान सामने आए थे. इन प्रतिबंधों का उद्देश्य सीरियाई सरकार पर आर्थिक और कूटनीतिक दबाव बनाना था, ताकि वहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बढ़ावा मिले और नागरिकों के अधिकार सुरक्षित रह सकें.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यह घोषणा सीरिया के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है, लेकिन अन्य पश्चिमी देशों और नाटो सदस्यों ने इस पर अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है. यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों की ओर से इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया आएगी, यह देखना शेष है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला क्षेत्रीय स्थिरता और पुनर्निर्माण में मदद कर सकता है, वहीं कुछ इसे जल्दबाजी भरा और जोखिमपूर्ण कदम मानते हैं. ट्रंप की यह घोषणा ऐसे समय पर आई है जब रियाद में क्षेत्रीय सहयोग, निवेश और आर्थिक पुनर्निर्माण जैसे मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हो रहा है. यह संदेश भी गया कि अमेरिका अब केवल सैन्य दबाव की बजाय कूटनीति और आर्थिक साझेदारी के माध्यम से मध्य पूर्व में स्थिरता लाने का इच्छुक है.

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