शिंदे सरकार के मंत्रालय विस्तार में हो रही देरी, क्या अजित पवार की ये मांग बनी अड़चन?
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पोर्टफोलियो आवंटन को लेकर हाल ही में अजित पवार की देवेन्द्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के साथ कुछ बैठकें हुई हैं, लेकिन अभी तक इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई है. अजित पवार वित्त और सहकारिता मंत्रालय एनसीपी के पास रखने को लेकर आक्रामक हैं. वहीं सूत्रों का कहना है कि शिंदे गुट इससे खुश नहीं है.
अजित पवार और अन्य 8 एनसीपी विधायकों को मंत्री पद की शपथ लिए हुए 8 दिन हो गए हैं. लेकिन विभागों का बंटवारा अभी तक नहीं हो सका है. इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं. कहा जा रहा है कि वित्त और सहकारिता मंत्रालय को लेकर एनसीपी व शिंदे गुट के बीच खींचतान चल रही है, जिसके चलते विभागों का बंटवारा अभी तक नहीं हो सका है. अजित पवार वित्त और सहकारिता मंत्रालय एनसीपी के पास रखने को लेकर आक्रामक हैं. वहीं सूत्रों का कहना है कि शिंदे गुट इससे खुश नहीं है.
हालांकि पिछले साल जब एकनाथ शिंदे और उनके 40 समर्थकों ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी, तब उन्होंने अजित पवार के वित्त विभाग संभालने पर कड़ी आपत्ति जताई थी. उस दौरान शिंदे और उनके खेमे के विधायकों ने आरोप लगाया था कि फंड वितरण के मामले में अजित पवार पक्षपात कर रहे हैं. वह शिवसेना के निर्वाचन क्षेत्र में एनसीपी के नेताओं को अधिक फंड दे रहे थे और ऐसा करके वे शिवसेना को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे.
गुवाहटी में बैठक के दौरान तब विपक्षी नेता देवेन्द्र फड़नवीस ने बताया था कि एनसीपी के मंत्रियों को बड़े पैमाने पर फंड मिला है. राज्य का कुल बजट 5,48,777 करोड़ था. इसमें से एनसीपी को 57.36%, कांग्रेस को 26.27% और शिवसेना को 16.43% फंड दिया गया.
शिंदे गुट ने अजित पवार पर लगाए थे गंभीर आरोप
इसके बाद शिंदे गुट के संजय शिरसाट, गुलाबराव पाटिल, दीपक केसरकर, भरत गोगावले, शाहजीबापू पाटिल और कई अन्य लोगों ने अजित पवार पर खुलकर आरोप लगाए. वहीं अब अगर वित्त मंत्रालय अजित पवार के पास जाता है तो यह शिंदे गुट के लिए शर्मनाक होगा. क्योंकि उन्हें इसको लेकर लोगों और मीडिया के सवालों का सामना करना पड़ सकता है.
जल्द होगा विभागों का आवंटन: मंत्री छगन भुजबल
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