शाहजहाँ ने किस तरह बनवाया आगरा का ताज महल?
BBC
शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में आगरा में यमुना के तट पर ताज महल बनवाया था. शाहजहाँ के 430वें जन्मदिन पर रेहान फ़ज़ल बता रहे हैं ताज महल के बनने की कहानी
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शाहजहाँ का क़द दरमियानी था लेकिन वो गठीले बदन और चौड़े कंधों के मालिक थे. जब तक वो सिर्फ़ शहज़ादे थे उन्होंने अपने पिता जहाँगीर और दादा अकबर की तरह सिर्फ़ मूछें रखीं लेकिन जब वो बादशाह बने तो उन्होंने दाढ़ी रखनी शुरू कर दी.
शाहजहाँ की शख़्सियत का एक हिस्सा मुग़ल शान और वैभव को दर्शाने के लिए बनाया गया था. शाहजहाँ को अपने पिता जहाँगीर की तरह मूड स्विंग्स नहीं होते थे. वो मृदुभाषी और विनम्र थे और हमेशा औपचारिक भाषा में बात करते थे.
मुग़लों पर एक क़िताब 'एम्परर्स ऑफ़ द पीकॉक थ्रोन द सागा ऑफ़ द ग्रेट मुगल्स' लिखने वाले अबराहम इराली लिखते हैं, "शाहजहाँ के लिए आत्मनियंत्रण सबसे बड़ा गुण था. इसकी झलक शराब के प्रति उनके दृष्टिकोण से मिलती है. 24 साल की उम्र में पहली बार उन्होंने शराब का स्वाद चखा वो भी तब जब उनके पिता ने उसे चखने के लिए उन्हें मजबूर किया. अगले छह सालों तक उन्होंने कभी-कभार ही शराब चखी. साल 1620 में जब वो दक्षिण के अभियान पर निकले तो उन्होंने पूरी तरह से शराब छोड़ दी और अपनी शराब के पूरे भंडार को चंबल नदी में उड़ेल दिया."