लिबेरो ग्रासी: 19वीं सदी के सबसे ख़तरनाक माफ़ियाओं से अकेले लड़ने वाले व्यापारी
BBC
इटली में माफ़िया गिरोहों का पुराना इतिहास रहा है. एक समय सिसली में ‘कोसा नोस्त्रा’ और नेपल्स में ‘कमोरा’ जैसे माफ़ियाओं की पकड़ थी, लेकिन उनके ख़िलाफ़ बोलने की हिम्मत कोई नहीं जुटाता था.
अगस्त 1991, सिस्ली के एक ताक़तवर क्रिमिनल परिवार ने ग्रासी का पीछा करने के लिए एक गाड़ी भेजी.
ड्राइवर मारको फेवेलोरो के मुताबिक, "मैंने ये देखने के लिए पीछा किया कि वो अकेले थे या उनके साथ सुरक्षा भी थी. जब ये पक्का हो गया कि वो घर से अकेले निकले थे तो सैलविनो मेडोनिआ ने उनकी हत्या करने का फ़ैसला किया."
फेवेलोरो बाद में गवाह बने थे. उन्होंने कहा, "मेडोनिआ ने मुझे एक अख़बार के बूथ पर मिलने के लिए कहा जो शहर के बीचोबीच था. उसके बाद उन्होंने गाड़ी चलाने के लिए कहा और ग्रासी की गाड़ी के पास हम रुक गए."
"उन्होंने गाड़ी चालू रखने और बाएं दरवाज़े को खुला रखने के लिए कहा. जब टारगेट बिल्डिंग से निकला तो मडोनिआ गाड़ी से उतरे, अख़बार के नीचे उन्होंने बंदूक छुपा रखी थी, वो उस ओर बढ़े और कई राउंड गोलियां चलाईं. उसके बाद गाड़ी में बैठकर भाग गए."
ग्रासी की हत्या इटली और दुनिया के दूसरे देशों में अख़बारों के पहले पन्ने पर छपी. उनकी हत्या की गई क्योंकि उन्होंने इटली में माफ़िया के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई, उन्होंने सार्वजनिक तौर पर माफ़िया को पैसे देने से मना किया था जिसे वहां 'पिज्ज़ों' या प्रोटेक्शन मनी कहा जाता था.