लड़की के बाप से डरकर मुंबई भाग गया था ये शायर, फिर इस तरह लिखी कामयाबी की इबारत
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मजरूह साहब का ताल्लुक उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से था, अदबी घराना था लेकिन संगीत से दूर दूर तक किसी का वास्ता नहीं था। वालिद साहब पुलिस विभाग में थे वह बेटे को मदरसे में पढ़ाना शुरू करवा चुके थे. अरबी उर्दू फारसी में महारत हासिल हो गई पढ़ाई मुकम्मल होने के बाद मजरूह साहब ने हिकमत का काम शुरू कर दिया और उनकी हकीम की दुकान शहर भर में मशहूर हो गई.
नई दिल्ली/ मोहम्मद सुहेल: अदब की दुनिया से ताल्लुक रखने वाले लोगों के लिए 1 अक्टूबर का दिन बेहद अहम है क्योंकि आज के दिन एक ऐसे शख्स की पैदाइश हुई थी कि जब भी उसकी शायरी या फिल्मों में लिखे गीत हम सुनते हैं तो उनकी तारीफ में अल्फाज कम पड़ जाते हैं हम बात कर रहे हैं असरारुल हसन खान यानी मजरूह सुल्तानपुरी की. वह एक ऐसे शायर रहे हैं जिन्होंने नौशाद साहब से लेकर अनु मलिक, जतिन ललित, ए.आर रहमान जैसे मशहूर कंपोजर के लिए गीत लिखे. 1946 में फिल्म शाहजहां मैं के एल सहगल के लिए जब 'दिल ही टूट गया हम जीकर क्या करें' मजनू साहब ने लिखा तो उस वक्त उनको हिंदुस्तान के कोने-कोने में शोहरत मिल गई यहां तक की शहजाद साहब को यह गाना इतना पसंद आया कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि मेरे मरने के बाद जब मेरी अर्थी उठाई जाए तो यह गाना जरूर चलाया जाए
मजरूह साहब का ताल्लुक उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से था, अदबी घराना था लेकिन संगीत से दूर दूर तक किसी का वास्ता नहीं था। वालिद साहब पुलिस विभाग में थे वह बेटे को मदरसे में पढ़ाना शुरू करवा चुके थे अरबी उर्दू फारसी में महारत हासिल हो गई पढ़ाई मुकम्मल होने के बाद मजरूह साहब ने हिकमत का काम शुरू कर दिया और उनकी हकीम की दुकान शहर भर में मशहूर हो गई. उस दौरान एक लड़की जॉन की दुकान पर दवाई लेने आती थी. जिस से इश्क हो गया, कुछ दिनों बाद मजदूर साहब के इश्क के बारे में सबको मालूम हो गया, क्योंकि उस लड़की के पिता शहर में एक ऊंचे रुतबा वाले इंसान थे वह इस बात से डर गए कि अब उनकी खैर नहीं.
Swati Maliwal: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी, जिनमें दावा किया गया था कि पार्टी चाहती थी कि वह अपनी राज्यसभा सदस्यता छोड़ दे ताकि उसे एक 'विशेष वकील' को दिया जा सके. इस पर उन्होंने कहा, अगर पार्टी चाहती कि वह राज्यसभा सदस्यता छोड़ दें तो वह खुशी-खुशी इसे छोड़ देतीं.
Pune Porsche Crash: पुणे के पोर्श कार हादसे मामले में ट्विस्ट आया है. अब 17 साल के नाबालिग आरोपी ने दावा किया है कि घटना के समय वह कार नहीं चला रहा था बल्कि फैमिली ड्राइवर चला रहा था. हादसे के समय आरोपी के साथ मौजूद उसके साथियों ने भी इस दावे का समर्थन किया है. वहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की नेता सुप्रिया सुले और शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने दावा किया कि आरोपी को पुलिस स्टेशन में पिज्जा की पेशकश की गई.
West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान से पहले नंदीग्राम में बुधवार की रात हिंसा भड़क उठी. इससे राज्य की सियासत गरमा गई है. यह घटना पूर्वी मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम विधानसभा के ब्लॉक नंबर एक के सोनचूरा गांव के मनसा बाजार की है. बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने कई भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों में घुसकर धारदार हथियारों से हमला किया.
Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना में बदलाव हो सकते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेना एक आंतरिक सर्वे करा रही है. इस सर्वे में सामने आने वाले निष्कर्षों को देखते हुए आगे योजना में बदलाव को लेकर सरकार से सिफारिश की जा सकती है. हालांकि अभी इस संबंध में सेना या सरकार की ओर से कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.