लखीमपुर खीरी हिंसा का बीजेपी, कांग्रेस, सपा और बसपा पर क्या होगा असर
BBC
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद बीजेपी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस मामले पर क्या कर रहे हैं प्रमुख रानजीतिक दल.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िला मुख्यालय से क़रीब 75 किलोमीटर दूर नेपाल की सीमा से सटा तिकुनिया गाँव इन दिनों सुर्ख़ियों में है. यहाँ तीन अक्तूबर को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई. इनमें चार किसान थे.
आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे किसानों की मौत हुई. हालाँकि आशीष मिश्रा ने इन आरोपों से इनकार किया है. लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने आशीष मिश्रा समेत 15-20 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है.
लखीमपुर खीरी की हिंसा के बाद विपक्ष के कई नेताओं ने वहाँ जाने की कोशिश की, लेकिन क़ानून व्यवस्था का हवाला देकर उन्हें जाने नहीं दिया गया. जिन नेताओं को वहाँ जाने नहीं दिया गया उनमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी के नेता सतीश मिश्रा शामिल थे.
हालाँकि अब उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अब नेताओं को वहाँ जाने की अनुमति दे दी है.
बुधवार को अनुमति मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पीड़ितों से मुलाक़ात की. माना जा रहा है कि कुछ और राजनीतिक दलों के नेता लखीमपुर खीरी जा सकते हैं.