
रूस के असफल मून मिशन और भारत के चंद्रयान-3 पर क्या बोला चीनी मीडिया?
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रूस का मून मिशन लूना-25 असफल हो गया है. इसकी असफलता पर ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक लेख में कहा है कि रूस ने इस मिशन के जरिए यह दिखाने की कोशिश की थी कि यूक्रेन के साथ युद्ध के बीच उसकी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सामान्य तरीके से काम कर रही है. लेकिन उसके इस प्रयास को झटका लगा है. ग्लोबल टाइम्स ने भारत के चंद्रयान-3 पर भी टिप्पणी की है.
रूस ने रविवार को घोषणा की कि उसका मून मिशन लूना-25 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग से पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. रूस की इस विफलता पर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक ओपिनियन लेख में कहा है कि रूस को सिर्फ इसलिए कम नहीं आंका जाना चाहिए कि उसका मून मिशन फेल हो गया. अखबार ने लिखा है कि अगर अमेरिका और पश्चिमी देश रूस के राष्ट्रीय हितों और उसके राष्ट्रीय गौरव के प्रति अपना सम्मान खो देते हैं तो उन्हें इसकी इतनी बड़ी कीमत चुकानी होगी जिसके बारे में उन्होंने कभी सोचा नहीं होगा.
रूस का लूना-25 पिछले 47 सालों में रूस का पहला मून मिशन था. यह 21 अगस्त को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला था लेकिन उसके एक दिन पहले रविवार को रूस की सरकारी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस ने कहा कि शनिवार दोपहर 14.57 बजे के आसपास लू-25 के साथ उसका संपर्क टूट गया.
एजेंसी ने अपने बयान में कहा, 'ये स्पेसक्राफ्ट एक अपरिचित कक्षा में चला गया और चांद की सतह से टकराकर नाकाम हो गया है.'
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि जिस दिन रूस ने लूना-25 के क्रैश होने की सूचना दी, उसी दिन रविवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी (ISRO) ने कहा कि उसका चंद्रयान चंद्रमा के करीब पहुंच गया है. उम्मीद है कि 23 अगस्त की शाम को यह चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा.
युद्ध के बीच रूस की सब कुछ सामान्य दिखाने की कोशिश
रूस के लूना-25 की क्रैश लैंडिंग पर ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि रूस ने इस मिशन के जरिए यूक्रेन के साथ अपने संघर्ष और नेटो के साथ अपने टकराव के बीच यह दिखाने की कोशिश की थी कि उसकी राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी सही से काम कर रही है और उसकी क्षमताओं का विस्तार हो रहा है.

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