रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फ़ैसले से मुश्किल में भारत, अब क्या हैं विकल्प?
BBC
यूक्रेन संकट से जो वैश्विक परिस्थिति बन रही है, वह भारत के लिए किसी मुश्किल घड़ी से कम नहीं है. ऐतिहासिक रूप से भारत यूक्रेन के मामले में रूस के साथ रहा है, लेकिन अब स्थिति 2014 से अलग है.
यूक्रेन और रूस का संकट गहराता जा रहा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के दो अलगावादी इलाक़ों को स्वतंत्र क्षेत्र के रूप में मान्यता दे दी है.
ये दो इलाक़े हैं- दोनेत्स्क और लुहांस्क. इन दोनों इलाक़ों को रूस समर्थित विद्रोहियों ने पहले ही अलग पीपल्स रिपब्लिक घोषित कर लिया था.
पुतिन ने इन इलाक़ों में रूसी सैनिकों को जाने का भी आदेश दे दिया है. पुतिन की घोषणा के बाद पश्चिम के देशों की तीखी प्रतिक्रिया आई है. अमेरिका और यूरोप रूस पर कड़े प्रतिबंधों की घोषणा कर सकते हैं.
यूक्रेन संकट से जो वैश्विक परिस्थिति बन रही है, वह भारत के लिए किसी मुश्किल घड़ी से कम नहीं है. ऐतिहासिक रूप से भारत यूक्रेन के मामले में रूस के साथ रहा है, लेकिन अब स्थिति 2014 से अलग है.
2014 मार्च में रूस ने यूक्रेन के क्राइमिया को अपने में मिला था तो भारत बहुत कम बोला था और जो बोला था, वह रूस के पक्ष में ही था.