राजनयिक हटाए जाने पर ट्रूडो ने दी अंतरराष्ट्रीय कानून की दुहाई, अमेरिका बोला- मतभेद सुलझाने में डिप्लोमेट जरूरी
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि भारत से हमारे कुछ राजनयिकों हटाए जाने से यात्रा और व्यापार में बाधा आएगी. इसके अलावा कनाडा में पढ़ने वाले भारतीयों के लिए मुश्किलें पैदा होंगी. उन्होंने कहा, भारत ने 41 राजनयिकों को मिली छूट रद्द करने का एकतरफा फैसला लिया है. नई दिल्ली का ये निर्णय भारत और कनाडा में लाखों लोगों के जीवन को सामान्य बनाए रखने में मुश्किलें खड़ा कर रहा है.
भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव कम नहीं हुआ है. इस बीच, भारत के सख्त रुख अपनाए जाने पर कनाडा ने अपने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है. अब शुक्रवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दुनिया के देशों की सहानुभूति जुटाने की कोशिश की है. ट्रूडो ने भारत के निर्णय को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है और कहा, इस घटनाक्रम पर दुनिया के सभी देशों को चिंता करना चाहिए. उनके इस बयान के बाद अमेरिका की प्रतिक्रिया आई है.
जस्टिन ट्रूडो का यह बयान तब आया, जब एक दिन पहले कनाडा ने भारत की चेतावनी के बाद अपने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है. ट्रूडो ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, भारत ने कनाडा के 41 डिप्लोमेट्स की अचानक राजनयिक छूट रद्द कर दी और उन्हें भारत छोड़ने का फैसला सुनाया. भारत का यह निर्णय वियना कन्वेंशन का उल्लंघन है और इससे दुनिया के सभी देशों को चिंतित होना चाहिए. नई दिल्ली ने अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन किया है. समानता के कार्यान्वयन को लेकर ओटावा के प्रयास को खारिज कर दिया है. वो डिप्लोमैसी के एक बेहद सामान्य सिद्धांत का भी उल्लंघन कर रहे हैं.
'राजनयिकों के भारत छोड़ने से चिंतित है अमेरिका'
अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कनाडाई राजनयिकों के भारत से जाने पर चिंता जताई और कहा- हम उम्मीद करते हैं कि नई दिल्ली राजनयिक संबंधों पर 1961 वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को बरकरार रखेगी. मिलर ने कहा, कनाडा सरकार की मांग के जवाब में हम उनके राजनयिकों के भारत से जाने से चिंतित हैं. मिलर ने कहा, मतभेदों को सुलझाने के लिए जमीन पर राजनयिकों की जरूरत होती है.
उन्होंने कहा, हमने भारत सरकार से कनाडा की राजनयिक उपस्थिति में कमी पर जोर नहीं देने और चल रही कनाडाई जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है.
'अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया जा रहा'
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