यूक्रेन संकटः भारत क्या रूस से रक्षा संबंध तोड़ सकता है?
BBC
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारत और रूस के पुराने रिश्ते फिर से चर्चा में हैं. दोनों देशों के बीच के रक्षा संबंधों का ख़ास तौर पर ज़िक्र हो रहा है.
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद भारत और रूस के पुराने रिश्ते फिर से चर्चा में हैं, ख़ासकर दोनों देशों के बीच के रक्षा संबंध को लेकर खूब बातें हो रही हैं. भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अप्रैल में अमेरिका की यात्रा के दौरान कहा था कि भारत चाहता है कि वो पश्चिमी देशों का 'अच्छा मित्र' बना रहे.
लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि भारत नहीं चाहता कि वो कमज़ोर पड़ जाए और उसे अपनी सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी है. इसके ये मायने भी निकाले गए कि भारत की रूस पर अपनी सुरक्षा ज़रूरतों के लिए लंबे समय से चली आ रही निर्भरता आगे भी जारी रहेगी.
भारत दुनिया के सबसे बड़े हथियार ख़रीदारों में शामिल है और पूर्व सोवियत संघ के साथ भारत के दशकों से मज़बूत रक्षा संबंध थे. 1990 के दशक में सोवियत संघ के विघटन के बाद भी रूस भारत का अहम रक्षा सहयोगी बना हुआ है. भारत की पाकिस्तान के साथ पुरानी दुश्मनी है और चीन के साथ रिश्ते हालिया वक़्त के सबसे बुरे दौर से गुज़र रहे हैं ऐसे में रूस के साथ भारत का रिश्ता बेहद अहम है.
दुनिया भर में हथियारों की ख़रीद-फ़रोख़्त पर नज़र रखने वाली संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) के मुताबिक़, 1992 के बाद से भारत ने जितने भी हथियार ख़रीदे उनमें से दो-तिहाई रूस से आए हैं.