
यूएई, इजरायल और भारत की और पक्की होगी दोस्ती, उठाया ये बड़ा कदम
AajTak
इजरायल के राजदूत ने कहा है कि यूएई के साथ इजरायल का हालिया मुक्त व्यापार समझौता एक मील का पत्थर साबित होगा. भारत-यूएई CEPA समझौते को लेकर उन्होंने कहा कि इन समझौतों से तीनों देशों के बीच त्रिपक्षीय व्यापार और साझेदारी की संभावना है.
इजरायल ने कहा है कि संयुक्त अरब अमीरात के साथ मंगलवार को हुए मुक्त व्यापार समझौते और फरवरी में भारत-यूएई के बीच हुए समझौते से तीनों देशों के बीच त्रिस्तरीय व्यापार सहयोग बढ़ेगा. इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने मंगलवार को इस समझौते को बेहद अहम बताया.
इजरायल और यूएई के बीच 2020 में अब्राहम समझौते के बाद राजनयिक संबंध स्थापित हुए हैं. अब्राहम समझौते के बाद इजरायल ने पहली बार किसी अरब देश के साथ मुक्त व्यापार समझौता किया है. इस समझौते पर दुबई में इजरायल की अर्थव्यवस्था और उद्योग मंत्री ओरना बारबिवे और उनके यूएई समकक्ष अब्दुल्ला बिन तौक अल-मैरी ने हस्ताक्षर किया था.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूएई-इजरायल मुक्त व्यापार समझौते में भारत को लेकर इजरायली राजदूत नाओर गिलोन ने कहा, 'हम इजरायल और यूएई के बीच हुए ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते से खुश हैं. भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच हुए व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के साथ संयुक्त रूप से इस समझौते में व्यापक त्रिपक्षीय सहयोग और व्यावसायिक साझेदारी की संभावना है. इस समझौते ने अमेरिका के साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के अवसर भी पैदा किए हैं.'
भारत और यूएई के बीच 18 फरवरी को व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) हुआ था.
अब्राहम समझौते को लेकर इजरायली राजदूत ने कहा कि इस समझौते ने शांति और समृद्धि के कई नए अवसर पैदा किए हैं. गिलोन ने कहा कि इजरायल के साथ ये समझौता एक मील का पत्थर है जो अब्राहम समझौते से संभव हुआ है.
इजरायल, भारत, यूएई और अमेरिका चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने पिछले अक्टूबर में एक वर्चुअल मीटिंग में एक नया संगठन भी बनाया था जिसे पश्चिम एशियाई क्वाड कहा जाता है. इस मंच को चारों देशों ने मिलकर आर्थिक सहयोग के लिए बनाया है. चारों देशों का कहना था कि इस मंच से सैन्य सहयोग को दूर रखा जाएगा और ये मंच अर्थव्यवस्था, मुख्य रूप से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर केंद्रित एक रचनात्मक एजेंडे पर काम करेगा.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







