
मोदी सरकार की इस रिपोर्ट को चीन ने बताया गलत, किया उलट दावा
AajTak
चीन ने भारत-अमेरिका व्यापार को लेकर जारी नए आंकड़ों को लेकर प्रतिक्रिया दी है. चीन का कहना है कि चीन अब भी भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना हुआ है. उसका कहना है कि चीन को इस बात से कोई आपत्ति नहीं है कि भारत-अमेरिका व्यापार संबंध कितना बढ़ रहा है.
चीन ने अमेरिका-भारत व्यापार के ताजा आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वो भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना हुआ है. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वो भारत के साथ सामान्य रूप से व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए सभी उपाय करने को तैयार है. भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने हाल ही में डेटा प्रकाशित किया था जिसमें बताया गया कि पिछले साल भारत ने किसी अन्य देश की तुलना में अमेरिका के साथ सबसे ज्यादा व्यापार किया.
चीन लंबे समय से भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है लेकिन नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि अब अमेरिका ने चीन को पीछे छोड़ दिया है. डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में अमेरिका चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है.
भारत द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि साल 2021-22 में, अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 119.42 अरब डॉलर हो गया. साल 2020-21 में ये 80.51 अरब डॉलर था. लेकिन चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि इसी अवधि में भारत और उसके बीच 125.66 अरब डॉलर का व्यापार हुआ और वो भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्त झाओ लिजियान ने मंगलवार को नियमित ब्रीफिंग के दौरान ये टिप्पणी की है. जब उनसे भारत-अमेरिका व्यापार के नए आंकड़ों पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा डेटा जमा करने के तरीकों में अंतर के कारण हो सकता है.
उन्होंने कहा, 'चीनी अधिकारियों द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2021 में 125.66 अरब डॉलर था. इस आधार पर, चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना हुआ है. दोनों देशों के बीच कुल व्यापार पहली बार 100 अरब डॉलर से ऊपर है. चीन और भारत की तरफ से प्रकाशित व्यापार के डेटा में अंतर, डेटा जमा करने के तरीकों के कारण हो सकता है.'
2021 में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 125.66 अरब डॉलर था, जो 2020 के व्यापार से 43.3% अधिक था. साल 2020 में भारत-चीन का द्विपक्षीय व्यापार 87.6 अरब डॉलर था. साल 2021 में पूर्वी लद्दाख में सीमा तनाव के बावजूद भी दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ गया था. लेकिन ये व्यापार चीन के पक्ष में रहा था क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा 69 अरब डॉलर हो गया था.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







