मुस्लिम नेताओं को कट्टरपंथ के ख़िलाफ़ एक स्पष्ट स्टैंड लेना चाहिएः मोहन भागवत- प्रेस रिव्यू
BBC
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि मुस्लिम नेताओं को कट्टरपंथ के ख़िलाफ़ एक स्पष्ट रवैया अपनाना चाहिए. मोहन भागवत पुणे की एक संस्था 'ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पॉलिसी फ़ाउंडेशन' की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. इंडियन एक्सप्रेस अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, "ये एक ऐतिहासिक तथ्य है कि भारत में इस्लाम आक्रमणकारियों के साथ आया और ये ज़रूरी है कि इसे इसी तरह से कहा जाना चाहिए. मुस्लिम समाज के समझदार नेताओं को कट्टरपंथ का विरोध करना ही होगा. उन्हें कट्टरपंथी लोगों के ख़िलाफ़ स्पष्ट रूप से बोलने की ज़रूरत है. इस काम में लंबे समय तक काम करने की ज़रूरत पड़ेगी और धीरज रखना होगा. ये हम सब के लिए एक लंबा और मुश्किल इम्तिहान होगा. हम इसे जितना जल्द शुरू करेंगे, समाज को उतना कम नुक़सान होगा." 'ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पॉलिसी फ़ाउंडेशन' की इस मीटिंग का विषय था 'नेशन फ़र्स्ट, नेशन एबव ऑल' (राष्ट्र सबसे पहले, राष्ट्र सबसे ऊपर) और इसके श्रोताओं में मुख्यतः कश्मीरी छात्र, डिफ़ेंस के रिटायर्ड अधिकारी और आरएसएस के सदस्य शामिल थे. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक ये मीटिंग ऐसे समय में हुई है जब देश में इस पर बहस चल रही है कि अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी पर भारतीय मुसलमानों को किस तरह से और क्या प्रतिक्रिया देनी चाहिए. संघ और तालिबान की तुलना करने वाले कवि और गीतकार जावेद अख़्तर की टिप्पणी को लेकर पहले ही विवाद पैदा हो गया है. मुंबई में एक स्थानीय भाजपा नेता ने मांग की है कि जावेद अख़्तर अपनी टिप्पणी पर माफ़ी मांगें.More Related News