मलेरिया की बनी वैक्सीन, जानिए RTS,S के बारे में सब कुछ
BBC
एक सदी से भी ज़्यादा की कोशिश के बाद मलेरिया की वैक्सीन का तैयार होना मेडिकल साइंस की बड़ी क़ामयाबी है. वैक्सीन को बनाने में क्या रही चुनौतियां और कैसे मिली सफलता. जानिए सबकुछ.
अफ़्रीका के ज़्यादातर हिस्सों के बच्चों को घातक बीमारी मलेरिया का टीका लगाया जाना है.
यह एक ऐतिहासिक क्षण है. मलेरिया इंसानों के लिए सबसे बड़ी विपत्तियों में से एक है. इसके सबसे ज़्यादा शिकार बच्चे और नवजात होते हैं.
एक सदी से भी ज़्यादा वक़्त की कोशिश के बाद मलेरिया के लिए एक वैक्सीन का बनना, मेडिकल साइंस की बड़ी कामयाबी है. वैक्सीन का नाम RTS,S है. यह छह साल पहले प्रभावी पाई गई थी.
घाना, कीनिया और मलावी में शुरुआती जाँच में सफल पाए जाने के बाद अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि सब-सहारन अफ़्रीका और मलेरिया ग्रस्त अन्य इलाक़ों में टीकाकरण शुरू किया जा सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडहोनम गेब्रियेसस ने कहा है कि यह ऐतिहासिक क्षण है. उन्होंने कहा, ''बच्चों के लिए बहुप्रतीक्षित मलेरिया वैक्सीन विज्ञान की अहम खोज है. यह बच्चों की सेहत और मलेरिया नियंत्रण के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण है. हर साल लाखों बच्चों की जान बचाई जा सकती है.''