
भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिका के बयान से मची हलचल
AajTak
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने हाल ही में धार्मिक स्वतंत्रता पर वार्षिक रिपोर्ट जारी की है. इसमें चीन, पाकिस्तान और म्यांमार समेत 12 देशों का नाम चिंताजनक स्थिति वाली लिस्ट में शामिल किया गया है. भारत को इस लिस्ट से बाहर रखते हुए अमेरिका ने बड़ी बात कही है.
भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिका ने बड़ा बयान दिया है. अमेरिका ने साफ करते हुए कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता के लिए भारत को इस साल 'अत्यंत चिंताजनक स्थिति वाले देश' या 'विशेष निगरानी सूची' में नहीं रखा जाएगा. जबकि चीन, पाकिस्तान और म्यांमार समेत 12 देशों को अमेरिका ने इस सूची में शामिल करने की घोषणा की है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और वहां कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं.
नेड प्राइस का बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन, पाकिस्तान और म्यांमार समेत 12 देशों को 'अत्यंत चिंताजनक स्थिति वाले देश' की सूची में शामिल करने की घोषणा की है. वहीं अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि क्यूबा और निकारगुआ को इस सूची में पहली बार शामिल किया गया है.
ब्लिंकन ने कहा था कि दुनियाभर की सरकारें और गैर-सरकारी ताकतें लोगों को उनके धर्म और विश्वास के आधार पर प्रताड़ित करने के साथ-साथ धमकाती और जेल भेज देती है. अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि धर्म के नाम पर कई बार लोगों की हत्या भी कर दी जाती है.
बाइडन प्रशासन का कहना है कि यह सूची राष्ट्रीय सुरक्षा और दुनिया भर में मानवाधिकारों के मूल्यों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है. अमेरिकी सरकार ने यह रिपोर्ट 1998 के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत जारी की है.
आस्ट्रेलिया टुडे के अनुसार, इस अधिनियम के तहत अमेरिका को दुनिया के सभी देशों में धार्मिक स्वतंत्रता की वार्षिक समीक्षा करने और उसके आधार पर चिंताजनक स्थिति वाले देशों की लिस्ट जारी करनी होती है.
भारत को प्रोत्साहित करता रहेगा अमेरिकाः अमेरिकी विदेश मंत्रालय भारत को इस सूची में नहीं शामिल करने के सवालों का जवाब देते हुए नेड प्राइस ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और वहां कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं. लेकिन हमारे वैश्विक धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में भारत को लेकर कुछ चिंता जताई गई है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







