बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले में भारत की नरमी के पीछे की मजबूरियाँ
BBC
अतीत में जब भी ऐसी घटनाएं हुई हैं, भारत ने पीड़ित हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के साथ उनके साथ एकजुटता ज़ाहिर करने के लिए दूतावास के प्रतिनिधिनियों को भेजा है. लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं किया गया.
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडाल में हुए हमले के बाद कई हिंदू मंदिरों और घरों पर हमले किए गए. तोड़फोड़ और हिंसा में सात लोगों की जान भी गई और बांग्लादेश में अभी जो कुछ हो रहा है, उस पर पूरी दुनिया की निगाहें हैं.
मगर इन सबके बीच भारत का रवैया थोड़ा हैरान करने वाला है. पड़ोसी देश में हिंदू समुदाय के पूजास्थलों और घरों पर कई हमले होने के बावजूद भारत ने इस पर बिल्कुल नपी-तुली प्रतिक्रिया दी है.
अतीत में जब भी ऐसी घटनाएं हुई हैं, भारत ने पीड़ित हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के साथ उनके साथ एकजुटता ज़ाहिर करने के लिए दूतावास के प्रतिनिधिनियों को भेजा है. लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं किया गया.
इसके उलट भारत ने कहा है कि उन्हें हालात को काबू में करने के लिए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के उठाए क़दमों पर भरोसा है.
भारतीय विश्लेषकों का मानना है कि भारत को शायद लगता है कि ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री शेख़ हसीना को और ज़्यादा शर्मिंदा करना उचित नहीं होगा इसलिए वो एहतियात के साथ प्रतिक्रिया दे रहा है.